RAS Mains Paper-4 Test | Day 29

In this, we will cover युग्म शब्द , पल्लवन, Phrasal Verb and Elaboration for RAS Mains Paper-4 Test. We will refer Raghav Prakash and B K Rastogi for this test.

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युग्म शब्द (Page 453-456) of Raghav Prakash संस्करण 2021

उत्तर –

1.वाम – बायाँ,टेढ़ा
वामा – स्त्री
2.परिणति – समाप्ति
परिणत – रूपांतरित
3.परिमित – सीमित, मापा हुआ
परमिति – चरम सीमा, मर्यादा
4.वर्ण – रंग, अक्षर
व्रण – घाव
5.पथ – रास्ता
पथ्य – रोगी के लिए खाने योग्य भोजन

    पल्लवन (Number 85-87) of Raghav Prakash संस्करण 2021

    “जो रहीम उत्तम प्रकृति, का करि सकत कुसंग। 

    चंदन विष व्यापत नहीं, लपटे रहत भुजंग॥”

                        इस दोहे में रहीम कहते हैं कि जिस तरह चंदन के पेड़ पर कितने भी सांप लिपटे हो तो भी चंदन विषैला नहीं होता, उसी प्रकार सज्जन पुरूष पर बुराइयों और आस-पास के विद्वेषपूर्ण पर्यावरण का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। जो व्यक्ति अच्छे स्वभाव का होता है, उसे बुरी संगति भी बिगाड़ नहीं पाती। चंदन वृक्ष की सुगन्ध और शीतलता के कारण अजगर जैसे विशाल विषधर उस पर लिपटे रहते हैं, परंतु वह विषाक्त नहीं होता। उसी प्रकार उत्तम प्रकृति के महान लोगों पर भी बुरी संगति का कोई असर नहीं होता, जैसे कमल का फूल कीचड़ में रहकर भी मलीन ना होकर अपनी शोभा बनाए रखता है। 

    जिन लोगों में सतोगुण की अधिकता होती है अथवा जो सात्विक प्रवृत्ति के होते हैं, बुराई भी उनके पास आती है तो शीतलता ही ढूँढती है और उनकी खुशबू का आनन्द लेकर प्रसन्न होती है, जैसे डाकू अंगुलिमाल बुद्ध के शरण में आकर संत बन गया।उत्तम प्रकृति के लोगों की महानता उनके विशाल हृदय, दूसरों के प्रति दया व सहानुभूति की भावना और बिना किसी भेदभाव के सबके कष्टों को हरने की इच्छा आदि गुणों के कारण होती है। अच्छे लोगों के पास दुराचारी भी आ जाए तो भी उनका स्वभाव नहीं बदलता। वे उसके साथ भी सहृदयता का व्यवहार करते हुए शरण देते हैं। उनकी अच्छाई परिवर्तनकारी बनकर, दूसरों को सन्मार्ग दिखा देती है। इसीलिए, तुलसीदास भी कहते हैं कि सज्जन और रसदार फलों वाले वृक्ष दूसरों के लिए फलते-फूलते हैं क्योंकि लोग तो उन वृक्षों पर या सज्जनों पर इधर से पत्थर मारते हैं पर उधर से वे उन्हें पत्थरों के बदले में फल देते हैं।

    “तुलसी’ संत सुअंब तरु, फूलि फलहिं पर हेत। 

    इतते ये पाहन हनत, उतते वे फल देत।।”

    Phrasal Verbs(Page211-214) of B K Rastogi 19th edition

    Answer –

    1. She couldn’t get over the loss of her childhood pet.
    2. Can you give up chocolate for a month?
    3. We should go on a vacation next summer.
    4. He tends to look after his younger siblings when their parents are away.
    5. Please put off the meeting until next week.

    Elaboration (Number 41-44) of B K Rastogi 19th edition

    The proverb “A bird in the hand is worth two in the bush” suggests that it is better to hold onto something you already have rather than risk losing it by pursuing something uncertain. It reflects the idea that a guaranteed benefit or possession is more valuable than the possibility of gaining more that may not materialize.

    In practical terms, this advice encourages appreciating and securing what you already possess, whether it’s a job, a relationship, or a personal asset. For example, if you have a stable job, you might be tempted by the prospect of a higher-paying position elsewhere. However, leaving your current job for something uncertain could lead to disappointment if the new opportunity doesn’t work out.

    This saying reminds us of the value of prudence and caution, as well as the importance of recognizing the worth of what we already have. By valuing our current assets and not chasing after potentially unattainable goals, we can make safer and more reliable decisions that bring us lasting satisfaction and security.

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