Day 8 | RAS Mains Paper-4 Test

In this, we will cover विलोम शब्द, पल्लवन, Tenses and Paragraph for RAS Mains Paper-4 Test. We will refer Raghav Prakash and B K Rastogi for this test.

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विलोम शब्द (Page 365- 368) of Raghav Prakash संस्करण 2021

उत्तर -1.⁠ ⁠अतिकाय (बड़ा शरीर) – कृशकाय/लघुकाय 

 2.⁠ ⁠अर्जन- वर्जन 

 3.⁠ ⁠अनुमोदन- विरोध 

 4.⁠ ⁠आडंबर- सादगी 

 5.⁠ ⁠आह्लाद- विषाद 

 6.⁠ ⁠उद्धत- विनीत 

 7.⁠ ⁠उदीची- अवाची

 8.⁠ ⁠उत्खनन- निखनन 

 9.⁠ ⁠ऐक्य- अनैक्य

10.⁠ ⁠अवश्य – सम्भवतः

पल्लवन (Number 22-24) of Raghav Prakash संस्करण 2021

पूर्व चलने के बटोही, बाट की पहचान कर ले।
यह पंक्ति महान कवि रामधारी सिंह दिनकर की प्रसिद्ध महाकाव्य रश्मिरथी से ली गई है। 

इस पंक्ति में कवि एक बटोही (यात्री) को जीवन की यात्रा के लिए सही दिशा पहचानने की प्रेरणा देते हैं। कवि कहते हैं कि जीवन की राह को किताबों या लिखी हुई योजनाओं से नहीं पहचाना जा सकता। इसके लिए हमें अपने अनुभव और विवेक से निर्णय लेना होगा। यह संदेश हमें बताता है कि हर व्यक्ति को अपने जीवन के उद्देश्य और मार्ग को खुद समझना होगा, क्योंकि कोई पहले से तय रास्ता या लिखित ज्ञान उसकी पूरी सहायता नहीं कर सकता।

यह पंक्ति हमारे जीवन के संघर्षों और कठिनाइयों के बीच आत्मनिर्भर बनने का संदेश देती है। कवि बताते हैं कि जो व्यक्ति अपने अनुभव से सीखता है और चुनौतियों का सामना करते हुए आगे बढ़ता है, वही सच्चे अर्थों में सफल होता है। उदाहरण के लिए, महाभारत में अर्जुन को भी युद्ध के समय यह समझना पड़ा कि धर्म और कर्तव्य के मार्ग पर कैसे चला जाए। कृष्ण के उपदेशों से अर्जुन ने अपने जीवन के उद्देश्य और कर्तव्य को पहचाना और युद्ध में सफलता पाई।

“जो अपने पथ पर आत्मविश्वास से चलता है,
वही अपने जीवन की सच्ची दिशा को पाता है।”

दिनकर जी का यह संदेश हमें जीवन में आत्मनिर्भरता, संघर्ष और अनुभव से सीखने की प्रेरणा देता है। जीवन का पथ कठिनाइयों से भरा होता है, लेकिन सही दिशा पहचान कर ही सफलता प्राप्त की जा सकती है।

Tenses (Page 73-80) of B K Rastogi 19th edition

Answer –

  1. She goes to school every day.
  2. He didn’t go to the party last night.
  3. I have eaten lunch already.
  4. They have been working on this project since last week.
  5. She is playing the piano right now.

Paragraph (Number 29-32) of B K Rastogi 19th edition

Swachh Bharat Abhiyan (Clean India Mission) is a national campaign initiated by the Government of India in 2014 to address the pressing issue of sanitation and cleanliness across the country. Launched by Prime Minister Narendra Modi on October 2nd, 2014, the campaign commemorates Mahatma Gandhi’s vision of a clean India. It aims to eliminate open defecation, improve solid waste management, and ensure access to sanitation facilities for all. The mission focuses on building household and public toilets, promoting hygiene practices, and encouraging community participation to create a sustainable and clean environment.

The Swachh Bharat Abhiyan has two components: Swachh Bharat Gramin, focused on rural areas, and Swachh Bharat Urban, aimed at urban sanitation. The campaign has seen considerable success, especially in rural India, where millions of toilets were constructed, significantly reducing open defecation. Through extensive public awareness efforts, including the use of mass media and social influencers, the mission seeks to change mindsets around cleanliness and sanitation.

Swachh Bharat Abhiyan not only improves public health and hygiene but also contributes to the broader goals of environmental sustainability and social welfare. The mission remains one of India’s largest and most ambitious cleanliness drives.

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