Hearing on plea of Samta Andolan, Rajasthan High court on Wednesday ordered to dissolve the commission for Other Backward Classes (OBC Commission). The commission does not have a statutory status. Importantly, In August 2015, High Court had asked Rajasthan Government to pass appropriate act but no act has been passed till now. The government responded to court saying that cabinet had approved the proposal act and in the coming winter session of Vidhan Session, that act shall be passed. However, Justice Jhaveri and Justice Deepak Maheshwari found the reply unsatisfactory and ordered to dissolve the commission.
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राजस्थान हाईकोर्ट ने बुधवार को समता आंदोलन की याचिका पर सुनवई करते हुए राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को तत्काल प्रभाव से भंग करने के आदेश दिए हैं। राज्य पिछड़ा वर्ग को वैधानिक दर्जा देने के लिए कानून पारित करने के आदेश की पालना नहीं करने पर अदालत ने एसीएस अशोक जैन पर जानबूझकर सीधे-सीधे अदालती आदेश की अवमानना करने पर एक माह का वेतन सामाजिक संस्था को देने का आदेश दिया था।
गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने 10 अगस्त,2015 को चार महीने में पिछड़ा वर्ग आयोग को वैधानिक दर्जा देने के लिए कानून पारित करने को कहा था। इस मामले में सरकार द्वारा पेश जवाब में कहा है कि वैधानिक ओबीसी आयोग के गठन के लिए राज्य केबिनेट से मंजूरी हो गई है। शीतकालीन सत्र में इसे विधानसभा से मंजूर करवाकर ओबीसी कमीशन को वैधानिक दर्जा दे दिया जाएगा।इस पर जस्टिस झवेरी और जस्टिस दीपक माहेश्वरी ने ओबीसी कमीशन को भंग कर अध्यक्ष व सदस्यों का वेतन रोकने के आदेश दिए।
इस पर अदालत ने मामले की सुनवाई 2 जनवरी 2017 तक स्थगित करते हुए ओबीसी आयोग को भंग करने का आदेश दे दिया। कोर्ट ने एसीएस को दो जनवरी को सुनवाई के दौरान उपस्थित रहने के आदेश दिए हैं।