This is Day 78 | 90 Days RAS Mains 2025 Answer Writing, We will cover the whole RAS Mains 2025 with this 90-day answer writing program
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GS Answer Writing – Important current questions । निबंध लेखन
तृष्णा (थर्मल इन्फ्रारेड इमेजिंग सैटेलाइट फॉर हाई-रेज़ोल्यूशन नैचुरल रिसोर्स असेसमेंट) इसरो और फ्रांस की CNES एजेंसी द्वारा संचालित एक भारत-फ्रांस पृथ्वी अवलोकन मिशन है। इसका मुख्य उद्देश्य पृथ्वी की सतह के तापमान, जल चक्र और जलवायु परिवर्तन की निगरानी करना है, जो उच्च-रिज़ॉल्यूशन थर्मल इन्फ्रारेड इमेजिंग के माध्यम से किया जाएगा।
सैन्य कूटनीति से तात्पर्य विदेश नीति के उद्देश्यों को प्राप्त करने और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने के लिए सैन्य और रक्षा-संबंधी संसाधनों व संबंधों का शांतिपूर्ण उपयोग है।
भारत के लिए सैन्य कूटनीति का महत्व
- विश्वास निर्माण: नियमित द्विपक्षीय अभ्यास तनाव कम करते हैं और विश्वास बढ़ाते हैं (उदाहरण: अमेरिका के साथ युद्ध अभ्यास)।
- गठबंधनों को मज़बूती: संयुक्त सैन्य गतिविधियाँ रणनीतिक संबंधों को गहरा करती हैं (उदाहरण: क्वाड देशों के साथ मालाबार अभ्यास)।
- क्षमता विकास: संयुक्त रक्षा परियोजनाएँ सैन्य प्रौद्योगिकी को उन्नत करती हैं (उदाहरण: रूस के साथ ब्रह्मोस, AK-203 राइफलें)।
- परिचालन अंतर-संचालनीयता: साझा प्रशिक्षण संयुक्त तत्परता को बेहतर बनाता है (उदाहरण: 10+ देशों के साथ तरंग शक्ति)।
- सॉफ्ट पॉवर का प्रक्षेपण: मानवीय सहायता मिशन भारत की छवि को उन्नत करते हैं (उदाहरण: तुर्की भूकंप में ऑपरेशन दोस्त)।
- रणनीतिक संतुलन: अमेरिका (iCET ढांचा) और रूस (अभ्यास इंद्र) के साथ संबंधों का संतुलन स्वायत्तता को दर्शाता है।
- समुद्री प्रभाव: नौसैनिक पहुँच भारतीय महासागर क्षेत्र (IOR) में उपस्थिति को मजबूत करती है (उदाहरण: मिलन बहुपक्षीय नौसैनिक अभ्यास)।
- क्षेत्रीय स्थिरता: पड़ोसी देशों को प्रशिक्षण और उपकरण प्रदान करना (उदाहरण: श्रीलंका, मालदीव में क्षमता निर्माण)।
- संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना में नेतृत्व: संयुक्त राष्ट्र मिशनों में सबसे बड़ा सैनिक योगदानकर्ता (उदाहरण: 6,000 से अधिक कर्मी तैनात)।
हाल के विकास
- युद्ध अभ्यास 2024: भारत-अमेरिका सेना अभ्यास, राजस्थान (महाजन फील्ड फायरिंग रेंज)।
- तरंग शक्ति: पहला बहुपक्षीय वायु सेना अभ्यास (ऑस्ट्रेलिया, ग्रीस, संयुक्त अरब अमीरात, जापान आदि)।
- मालाबार 2024: क्वाड नौसैनिक अभ्यास, विशाखापत्तनम (भारत, अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया)।
इंद्र: रूस के साथ द्विपक्षीय अभ्यास, रणनीतिक संतुलन को दर्शाता है।
SpaDeX (स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा स्वायत्त अंतरिक्ष अभियानों में दक्षता प्राप्त करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है, जो मानवयुक्त मिशनों, कक्षीय सेवा (ऑर्बिटल सर्विसिंग) तथा अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण के लिए अत्यंत आवश्यक है।
SpaDeX के उद्देश्य:
- निम्न पृथ्वी कक्षा (LEO) में दो अंतरिक्ष यानों के मध्य स्वचालित डॉकिंग (Autonomous Docking) का प्रदर्शन करना, जिसमें एक को “चेज़र” (Chaser) और दूसरे को “टार्गेट” (Target) के रूप में कार्य करना होता है।
- डॉकिंग मैकेनिज़्म, सेंसर, सॉफ़्टवेयर एवं GNC (Guidance, Navigation & Control) जैसी महत्वपूर्ण प्रणालियों का परीक्षण।
- अंतरिक्ष में ईंधन भराव, संरचना संयोजन, मरम्मत, और चालक दल स्थानांतरण जैसे अभियानों के लिए मूलभूत आधार तैयार करना।
- डॉकिंग असफलता या विसंगति की स्थिति में सुरक्षा प्रोटोकॉल का सत्यापन।
- अंतरिक्ष यानों की पुनः प्रयोज्यता (Reusability) को सक्षम बनाना ताकि उनकी मरम्मत और उन्नयन किया जा सके।
रणनीतिक महत्व:
- गगनयान मिशन और प्रस्तावित भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (2035 तक) के लिए अत्यावश्यक प्रौद्योगिकी।
- गहन अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए ISRO की कक्षीय संयोजन क्षमता को सुदृढ़ करता है।
- यह तकनीक अब तक केवल कुछ गिने-चुने देशों (अमेरिका, रूस, चीन) के पास है — ISRO को प्रतिष्ठित वैश्विक क्लब में सम्मिलित करता है।
- रणनीतिक उपग्रहों (जैसे रक्षा या निगरानी उपग्रह) की मरम्मत/ईंधन भरने में सहायक हो सकता है।
- यह वैश्विक स्तर पर डॉकिंग मानकों के अनुपालन और अंतरराष्ट्रीय साझेदारी के द्वार खोलता है।
प्रौद्योगिकीय एवं आर्थिक प्रभाव:
- अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन: उपग्रहों के जीवनकाल को बढ़ाकर प्रतिस्थापन लागत को घटाता है।
- नवाचार को प्रोत्साहन: रोबोटिक्स, एआई-आधारित नेविगेशन, एवं सूक्ष्म सेंसरों के विकास को बढ़ावा।
- निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ाता है: निजी कंपनियाँ अब मॉड्यूलर एवं सेवायोग्य उपग्रहों का निर्माण कर सकेंगी।
द्वैध उपयोग क्षमताओं (Dual-use Capability) का निर्माण — नागरिक एवं रक्षा दोनों उद्देश्यों की पूर्ति (जैसे ISR, एंटी-सैटेलाइट लचीलापन)।
Paper 4 (Comprehension part) – निबंध
लोकतंत्र में महिलाओं का प्रतिनिधित्व: समृद्धि की दिशा
कांपती हैं बिजली बादल, बहती हैं नदियाँ जब महिलाएं आती हैं,
सामाजिक परिवर्तन की ओर, एक नई दिशा बताती हैं।
लोकतंत्र, एक समानिकरणात्मक तंत्र है जिसमें सभी नागरिकों को समान अधिकार होते हैं। महिलाएं समाज की अदृश्य शक्ति हैं। महिलाओं का प्रतिनिधित्व न केवल एक समृद्धि के अंग रूप में कारगर होता है बल्कि यह समाज के सभी क्षेत्रों में विकास की दिशा में एक नई ऊंचाइयों की ओर पहुँचने का एक माध्यम भी है।
आँकड़ों के अनुसार, विश्व भर में महिलाएँ लोकसभा के कुल सदस्यों के 14.44% का प्रतिनिधित्व करती हैं, जबकि भारत में यह आंकड़ा केवल 10.5% है। राज्य विधानसभाओं में तो स्तिथि बदतर है, जहाँ राष्ट्रीय औसत मात्र 9% है। आज़ादी के पिछले 75 वर्षों में लोकसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 10 % भी नहीं बढ़ा है। यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि हमें इस क्षेत्र में और भी मेहनत करनी होगी।
महिलाओं के राजनैतिक प्रतिनिधित्व में कमी के प्रमुख करण हैं लिंग संबंधी रूढ़ियाँ, अशिक्षा, सामाजिक कंडीशनिंग, पारिवारिक उत्तरदायित्व का असमान वितरण, राजनीतिक नेटवर्क का अभाव, राजनीतिक दलों की संरचना और प्रतिकूल वातावरण।
सरकार इन सब कुरीतियों से समाज को मुक्त करवाने में प्रयासरत है। संविधान का अनुच्छेद 243D से पंचायती राज संस्थाओं में एक तिहाई सीटों को महिलाओं के लिये आरक्षित किया गया है। यह आंकड़ा राजस्थान में 50% है (आधी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं)। हाल ही में संसद ने 106वाँ संविधान संशोधन अधिनियम 2023 को पारित किया है जिससे आगामी कुछ वर्षों में भारत में सभी विधानमंडल सदस्यों या विधि-निर्माताओं (सांसद, विधायक) में कम से कम 33% महिलाएँ होंगी।
कार्ल संडबर्ग ने कहा, “समाज में बदलाव का सबसे बड़ा स्रोत है महिलाओं का सकारात्मक प्रतिनिधित्व।” इस विचार का सारांश है कि महिलाएं ही समाज को एक नई दिशा में एक नई ऊंचाइयों पर ले जा सकती हैं। उनका प्रतिनिधित्व आने वाली पीढ़ियों को एक सशक्त और समृद्ध समाज की दिशा में पहुँचाएगा।
सरकारी प्रयासों के साथ, भारतीय समाज को भी महिलाओं को आगे लाने के लिए कुछ सुधार लाए जाने आवश्यक हैं जैसे पारिवारिक कार्यों के वितरण में समानता, महिलाओं को अधिक सक्षम बनाने के लिए औपचारिक और राजनीतिक शिक्षा, राजनीतिक दलों में गिल फॉर्मूला पर आधारित महिला कोटा, पार्टी के भीतर लोकतंत्र को बढ़ावा आदि। इससे उन्हें नेतृत्व के अवसर मिलते हैं और वे राजनीतिक प्रक्रिया में बेहतरीन योजनाएं बना सकती हैं। महिलाएं समाज में ऊंचाइयों पर पहुँचने का संघर्ष करती हैं, और उन्हें उच्च स्थान पर लाने में उन्हें समर्थ बनाने का कार्य हम सभी का है।
महात्मा गांधी ने कहा, “समाज की स्वस्थता का मूल आधार उसकी महिलाओं की स्थिति में छुपा होता है।”
इन प्रयासों से ही हम एक समृद्धि और समान समाज की दिशा में अग्रसर हो सकते हैं, जहाँ हर व्यक्ति को उसके योगदान के आधार पर समानता की सही मात्रा मिले। वर्तमान में युवा भारतीय महिलाएँ संभवतः किसी भी अन्य समूह की तुलना में आकांक्षी भारत का अधिक प्रतिनिधित्व करती हैं। अवसर मिलने पर वे हमारी गतिहीन राजनीति में एक नई ऊर्जा ला सकती हैं और इसे स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा और आजीविका जैसी बुनियादी आवश्यकताओं के वितरण की दिशा में ले जा सकती हैं।
Day 78 | 90 Days RAS Mains 2025 Answer Writing
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