Day 28 | RAS Mains 2025 Answer Writing | 90 Days

90 days answer writing

This is Day 28 | 90 Days RAS Mains 2025 Answer Writing, We will cover the whole RAS Mains 2025 with this 90-day answer writing program

Click here for the complete 90 days schedule (English Medium)

Click here for complete 90 days schedule (Hindi Medium)

GS Answer Writingराजस्थान में पर्यटन, मेले, पर्व, लोक संगीत व लोक नृत्य | राजस्थानी साहित्य की महत्वपूर्ण कृतियाँ एवं राजस्थान की बोलियाँ । अनुवाद

  • अलगोज़ा एक राज्य लोक सुषिर संगीत वाद्ययंत्र है।
  • इसमें चार छेद वाली दो बांसुरी हैं।
  • दो अलगोजा को एक साथ मुंह में रखकर बजाया जाता है। एक से ‘सा’ स्वर और दूसरे से भिन्न स्वर निकलता है। यह नकसांसी के साथ खेलता है।
  • प्रसिद्ध खिलाड़ी: रामनाथ चौधरी (नाक से)
Algoza by Ramnath choudhary

राजस्थान में कई संगीत कलाकार हैं, उनमें से कुछ हैं

musical casts of rajasthan
संगीत जातियांविशेषताए
लंगापश्चिमी राजस्थान में निवास।शैली: मांडसंगीत उपकरण: सारंगीमुस्लिम होने के बावजूद हिन्दू त्योहार मनाते है।
मांगणियारजैसलमेर, बीकानेर, बाड़मेर क्षेत्र में।संगीत उपकरण: खड़ताल, कमायचाजांगड़ा गाते हैं।
जोगीनाथ सम्प्रदाय के अनुयायीसंगीत उपकरण: सारंगी, इकतारा’शिवजी’ और भृतहरी के ब्यावला गाते हैं।
भोपादर्शकों के सामने कहानी सुनाने वाला।संगीत उपकरण: रावणहत्था (पबुजी का भोपा), तन्दूरा (रामदेवजी का भोपा)।
कालबेलियापेशेवर जातिसंगीत उपकरण: पुंगी, खंजरी।
ढाढीपश्चिमी राजस्थान में निवास।संगीत उपकरण: सारंगी, रबाब।

राजस्थान अपनी रंग-बिरंगी संस्कृति के लिए पूरे भारत में प्रसिद्ध है, जो यहां के मेलों और त्योहारों में झलकती है, इसलिए एक लोकप्रिय कहावत है “सात वार नौ त्यौहार”।

fairs and festivals of Rajasthan

मुख्य विशेषताएं:

  • त्यौहार धार्मिक बहुलवाद और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देते हैं। उदाहरण; बाबे री बीज, गोगामेडी
  • ये त्यौहार लोगों के जीवन में खुशी और उत्साह के सूचक हैं। उदाहरण;तीज
  • त्यौहार वैज्ञानिक स्वभाव से भरे होते हैं यानी त्यौहारों से जुड़े व्रत शरीर को स्वस्थ रखते हैं।
  • त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक हैं, दशहरा, घुड़ला
  • पशु व्यापार के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है अर्थात तेजाजी पशु मेला, चंद्रभागा पशु मेला
  • ये त्यौहार नैतिक और मूल्य आधारित समाज को बढ़ावा देते हैं।
  • तीज, खेजड़ली शहीदी मेला जैसे त्यौहार प्रकृति के साथ मनुष्य के अटूट बंधन को दर्शाते हैं।
  • पाबूजी मेला, मेहंदीपुर बालाजी मेला जैसे कुछ त्योहार बीमारियों के इलाज का काम करते हैं।
  • करवा चौथ, तीज जैसे त्यौहार पति-पत्नी के अटूट रिश्ते और प्यार का प्रतीक हैं।
  • त्यौहार सामाजिक भलाई के लिए त्याग का प्रतीक है उदाहरण:मुहर्रम
  • वे पर्यटन को बढ़ावा देते हैं;और रोजगार पैदा करते हैं।
  • ये अवसर राज्य की पारंपरिक कलाकृतियों और हस्तशिल्प को प्रदर्शित करने के लिए एक असाधारण मंच के रूप में काम करते हैं।
  • मेले और त्यौहार मनोरंजन, खेल जैसे ऊंट उत्सव, मरू महोत्सव (मिस मूमल प्रतियोगिता), पतंग उत्सव आदि का केंद्र हैं।

एक ओर ये त्यौहार समृद्ध सांस्कृतिक मूल्यों को आगे बढ़ाकर ‘संस्कृति के संरक्षक’ के रूप में कार्य करते हैं, दूसरी ओर वे राज्य के आर्थिक विकास को बढ़ावा देते हैं।

Paper 4 (Comprehension part) –  अनुवाद

क्या कभी किसी ने सोचा होगा कि एक दिन हम चाँद पर होंगे ! ये सपने जैसा ही था, है ना ? लेकिन अब लगता है कि ये निकट भविष्य में सम्भव होने वाला है। ठीक इसी तरह , जो भी कुछ आज हमें मुश्किल लगता है , वो जरुरी नहीं मुश्किल हो। इसलिए , कम से कम हमें प्रयास ज़रूर करना चाहिए। और साथ ही, हमें धैर्य भी रखना चाहिए क्योंकि अगर कोई चीज़ उतनी मुश्किल नहीं है , तो उतनी आसान भी नहीं है।

Day 28 | 90 Days RAS Mains 2025 Answer Writing

error: Content is protected !!
Scroll to Top