Day 15 | RAS Mains 2025 Answer Writing | 90 Days

90 days answer writing

We will cover the whole RAS Mains 2025 by this 90-day answer writing program

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GS Answer Writingभारतीय समाज के समक्ष चुनौतियां : दहेज, तलाक एवं बाल विवाह के मुद्दे, भ्रष्टाचार, साम्प्रदायिकता, निर्धनता, बेरोजगारी, मादक पदार्थ व्यसन, कमज़ोर तबके विशेषकर दलित, वृद्ध और द्विव्यांग | राजस्थान में जनजातीय समुदाय : भील, मीणा, गरासिया- समस्याएं व कल्याण पत्र लेखन

 राजस्थान सरकार द्वारा किये गए प्रयास

  1. मुख्यमंत्री कन्यादान योजना  → आर्थिक संबल प्रदान करने के लिए।
  2. राजस्थान राज्य की बाल विवाह रोकथाम  हेतु रणनीति और कार्य योजना 2017 → इसके अंतर्गत राजस्थान को आगामी 10 वर्षो में बाल विवाह मुक्त बनाना है।
  3. बाल विवाह निषेध अधिकारी (सीएमपीओ) : 2006 के बाल विवाह निषेध अधिनियम के अंतर्गत नियुक्ति → ये अधिकारी बाल विवाह पर रोक लगाने, पीड़ितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और अपराधियों पर मुकदमा चलाने के लिए ज़िम्मेदार होते हैं। आखा तीज जैसे पर्व पर स्पेशल मोनिटरिंग की जाती है ।
  4. विद्यालयों में मीना राजू और गार्गी मंच द्वारा बाल विवाह जैसे कुरितियो के विरुद्ध जागरूकता, राज श्री योजना से बेटियों के प्रति सकारात्मक रवैया।

  • सामाजिक विभाजन: धार्मिक आधार पर विभाजन, अविश्वास और शत्रुता को बढ़ावा देना। उदाहरण के लिए, भारत के विभाजन के दौरान।
  • हिंसा और दंगे: सांप्रदायिक तनाव अक्सर हिंसा और दंगों में बदल जाता है, जिससे जान-माल का नुकसान होता है। उदाहरण- 2002 में गुजरात दंगे। (नुह दंगा)
  • अंतरधार्मिक संबंध: अंतरधार्मिक संबंधों में तनाव पैदा करता है, जिससे समुदायों के लिए सामंजस्यपूर्ण रूप से सह-अस्तित्व रखना और सामान्य लक्ष्यों के लिए सहयोग करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।उदाहरण- अंतरधार्मिक विवाहों को सामाजिक प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ रहा है और धार्मिक रूपांतरण का राजनीतिकरण किया जा रहा है।
  • शैक्षिक प्रणाली: प्रभाव के कारण छात्रों में पक्षपातपूर्ण आख्यान और पूर्वाग्रहों को बढ़ावा मिलता है।पाठ्यपुस्तकों और पाठ्यक्रम में पक्षपातपूर्ण दृष्टिकोण सांप्रदायिक रूढ़ियों और गलत धारणाओं को मजबूत करता है।
  • सांस्कृतिक विखंडन: समाज के सांस्कृतिक ताने-बाने को खंडित करना, बहुलवादी लोकाचार को नष्ट करना जो भारतीय समाज की पहचान रही है। उदाहरण- धार्मिक और विरासत स्थलों पर हमले.
  • आर्थिक असमानताएँ: अल्पसंख्यक समुदायों को रोज़गार, व्यवसाय के अवसरों और संसाधनों तक पहुँच में भेदभाव का सामना करना पड़ सकता है।
  • ध्रुवीकरण: सांप्रदायिकता समाज का ध्रुवीकरण करती है, ‘हम बनाम वे’ की मानसिकता पैदा करती है और धार्मिक पहचान को गहरा करती है। राजनीतिक दल चुनावी लाभ के लिए इन विभाजनों का फायदा उठाते हैं और समुदायों का ध्रुवीकरण करते हैं। उदाहरण- बाबरी मस्जिद दंगे।

इन प्रभावों को संबोधित करने के लिए धर्मनिरपेक्षता, सहिष्णुता और समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकारी निकायों, नागरिक समाज संगठनों, धार्मिक नेताओं और मीडिया सहित विभिन्न हितधारकों के ठोस प्रयासों की आवश्यकता है।

Paper 4 (Comprehension part) – पत्र लेखन

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