27 June Ras Mains Answer Writing Practice

Ras mains answer writing practice

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SUBJECT – Economic Survey – Industry,Infrastructure,Service Sector

TOPIC – Industrial Development | Infrastructure Development- PPP | Service Sector

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Click on the question to see the model answer. Submit your answers below and complete the 90-day challenge for RAS Mains answer writing

Q1 Write a brief note on the Amritsar-Jamnagar Economic Corridor. 2M

ANSWER:

Amritsar-Jamnagar Expressway: Part of Bharatmala Pariyojana initiative.

  • Record-breaking Distance: 1,256.95 km, making it India’s longest expressway upon completion. Connects Amritsar (Punjab) to Jamnagar (Gujarat).
  • Project Cost: Estimated at Rs 80,000 crore.
  • States : Punjab, Haryana, Rajasthan and Gujarat.
  • Rajasthan Section: Completed from Jakhrawali (Hanumangarh) to Khetlawas (Jalore) and inaugurated on July 8, 2023.
  • Completion Timeline: Entire expressway to be opened by December 2025.

Significance

  • Strategic Corridor: Connects key economic zones, including Amritsar, Bathinda, and Jamnagar.
  • Oil Route: First expressway to link major oil refineries in Bathinda, Barmer, and Jamnagar. Enhances oil transportation efficiency.
  • Travel Time Reduction: Expected to cut travel time from 26 hours to around 13 hours.

Q2 Discuss the policy initiatives taken by the Rajasthan government to promote Public-Private Partnerships (PPP). 5M

ANSWER:

The Rajasthan government is prioritizing the enhancement of public services and infrastructure through Public Private Partnerships (PPPs). 

Policy Initiatives

  1. Institutional Arrangement
    1. Approving Committee(s) : Council for Infrastructure Development (CID) (Uncer CM for project costing > 500 cr). An Empowered Committee for Infrastructure Development (ECID) to facilitate the functioning of the CID and a State Level Empowered Committee (SLEC) for Swiss Challenge Proposals.
    2. PPP Cell (Nodal Agency) : Established in 2007-08 in the Planning Department to coordinates PPP efforts and capacity building 
    3. Respective Administrative Departments/Agencies (Implementing Agency) : identify, develop, and execute PPP projects 
  2. Joint Ventures promoted by the State Government with private Sector participation : Eg. Road Infrastructure Development Company of Rajasthan (RIDCOR), Saurya Urja Company of Rajasthan Ltd (SUCRL), and Adani Renewable Energy Park Rajasthan Ltd (AREPRL). 
  3. Project Development Funds (PDFs) : RIPDF dissolved; departments use budget or seek central IIPDF assistance.
  4. Transaction Advisory Services : through open advertising or prefer hiring from entities like RSRDC, WAPCOS, NABCON, and RITES Ltd. as per RTPP Rules, 2013.
  5. Viability Gap Funding Scheme : Social Sector Viability Gap Funding scheme 2007 and “Scheme for Financial Support to PPPs in Infrastructure” of Government of India
  6. Other Enabling Efforts : Road Development Policy, 2013; Rajasthan State Road Development Fund Act, 2004; Rajasthan State Highways Act, 2014.
  7. PPP Policy for the State : Draft Rajasthan PPP Policy, 2020
  8. Status of State’s PPP Projects : As of September 30, 2022, Rajasthan completed 195 projects, with 28 under implementation and 31 in planning.

Q3 Describe the role of RIICO in the industrial development of Rajasthan. 10M

ANSWER:

Rajasthan State Industrial Development & Investment Corporation Limited (RIICO) is the apex organization engaged in fostering growth of industrialization in the state. 

  • RIICO was established on March 28, 1969, initially named RIMDC. In 1980, mining activities were separated to form RSMDC, and RIMDC was renamed RIICO.
  • It helps in developing industrial infrastructure and providing financial assistance to attract investment in the State. 

Key Functions:

  1. Infrastructure Development
    1. Land Acquisition and Development: RIICO acquires and develops land for industrial use.
    2. New Industrial Areas: Eight new industrial areas were developed in 2022-23, expanding the state’s industrial capacity. → Tejpur (Chittorgarh), Bhaniyana (Jaisalmer), Kerwa (Jaisalmer), Rama Aspur (Banswara), Khudiyala-Boranada (Jodhpur), Chataliya (Jodhpur), Gol (Nagaur), Harsor (Nagaur) – 40.52 acres
  2. Financial Assistance
    1. Term Loans: RIICO provides term loans to support industrial projects. 
    2. Provided rebates and incentives for the development of small, medium, and large-scale units.
    3. Other Support: Offers  technical and managerial assistance/services to entrepreneurs.
  3. Special Parks and Zones
    1. Agro Food Parks:
      1. Developed 4 Agro Food Parks at Boranada (Jodhpur), Kota, Alwar, and Sriganganagar.
      2. Developed an “Agro & Food Processing Zone” at Industrial Area Tinwari, Jodhpur (33 hectares).
    2. Japanese Industrial Zones: Established in Neemrana and Ghiloth, these zones host multinational companies, providing significant employment.
    3. Special Economic Zones (SEZs): The Gems & Jewellery SEZ, now a Multiproduct SEZ, and the Mahindra World City SEZ are aimed at boosting exports and creating employment opportunities.
  4. Centrally Sponsored Schemes
    1. Mini Growth Centers and Micro Small Enterprises – Cluster Development Program: Established to provide integrated infrastructure in rural and undeveloped areas for small-scale industry.
    2. Special Assistance-Capital : Up-gradation of Industrial Effluent Management System in Bhiwadi:
  5. Industrial Events
    1. India Stone Mart: RIICO organizes events like India Stonemart, promoting growth in the stone industry.

RIICO’s efforts in infrastructure, finance, and special zone creation drive Rajasthan’s industrial growth. To enhance efficiency, it must heed CAG advice: align development plans with state industrial  policy, improve site selection, and strengthen internal 

Q4 निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 250 शब्दों में निबंध लिखिए –
विपत्ति कसौटी जे कसे तेई साँचे मीत

ANSWER:

विपत्ति कसौटी जे कसे तेई साँचे मीत

मनुष्य सामाजिक प्राणी है। उसके जीवन में सुख-दुख का आना-जाना लगा रहता है। उसके अलावा दिन-प्रतिदिन की समस्याएँ उसे तनावग्रस्त करती हैं। इससे मुक्ति पाने के लिए वह अपने मन की बातें किसी से कहना-सुनना चाहता है। ऐसे में उसे अत्यंत निकटस्थ व्यक्ति की ज़रूरत महसूस होती है। इस ज़रूरत को मित्र ही पूरी कर सकता है। मनुष्य को मित्र की आवश्यकता सदा से रही है और आजीवन रहेगी।

मित्र की आवश्यकता – जीवन में मित्र की आवश्यकता प्रत्येक व्यक्ति को पड़ती है। एक सच्चा मित्र औषधि के समान होता है जो व्यक्ति की बुराइयों को दूर कर उसे अच्छाइयों की ओर ले जाता है। मित्र ही सुख-दुख के वक्त साथ देता है। वास्तव में मित्र के बिना सुख की कल्पना नहीं की जा सकती है, क्योंकि 

अलसस्य कुतो विद्या, अविद्यस्य कुतो धनम्। अधनस्य कुतो मित्रम्, अमित्रस्य कुतो सुखम् ॥

आदर्श मित्रता के उदाहरण – इतिहास में अनेक उदाहरण भरे हैं जिनसे मित्रता करने और उसे निभाने की सीख मिलती है। वास्तव में मित्र बनाना तो सरल है पर उसे निभाना अत्यंत कठिन है। देखा गया है कि आर्थिक समानता न होने पर भी दो मित्रों की मित्रता आदर्श बन गई, जिसकी सराहना इतिहास भी करता है। राणाप्रताप और भामाशाह की मित्रता, कृष्ण और अर्जुन की मित्रता, राम और सुग्रीव की मित्रता, दुर्योधन और कर्ण की मित्रता कुछ ऐसे ही उदाहरण हैं। इनकी मित्रता से हमें प्रेरणा ग्रहण करनी चाहिए, क्योंकि इन मित्रों के बीच स्वार्थ आड़े नहीं आया।

छात्रावस्था में मित्रता – ऐसा देखा जाता है कि छात्रावस्था या युवावस्था में मित्र बनाने की धुन सवार रहती है। बस एक दो-बार किसी से बातें किया, साथ-साथ नाश्ता किया, फ़िल्म देखी, हँसमुख चेहरा देखा, अपनी बात में हाँ में हाँ मिलाते देखा और मित्र बना लिया पर ऐसे मित्र जितनी जल्दी बनते हैं, संकट देख उतनी ही जल्दी साथ छोड़कर दूर भी हो जाते हैं। ऐसे ही मित्रों की तुलना जल से करते हुए रहीम ने कहा है –

जाल परे जल जात बहि, तजि मीनन को मोह।
रहिमन मछरी नीर को, तऊ न छाँड़ति छोह ॥

सच्चे मित्र के गुण-जीवन में सच्चे मित्र का बहुत महत्त्व है। एक सच्चे मित्र का साथ व्यक्ति को उन्नति के पथ पर ले जाता है और बुरे व्यक्ति का साथ पतन की ओर अग्रसर करता है। सच्चा मित्र जहाँ व्यक्ति को अवगुणों से बचाकर सदगुणों की ओर ले जाता है वहीं कपटी मित्र हमारे पैरों में बँधी चक्की के समान होता है जो हमें पीछे खींचता रहता है। यदि हमारा कोई मित्र जुआरी या शराबी निकला तो उसका प्रभाव एक न एक दिन हम पर अवश्य पड़ना है। इसके विपरीत सच्चा मित्र सुमार्ग पर ले जाता है। वह मित्र के सुख-दुख को अपना सुख-दुख समझकर सच्ची सहानुभूति रखता है और दुख से उबारने का हर संभव प्रयास करता है। ऐसे मित्रों के बारे कवि तुलसीदास ने लिखा है –

जे न मित्र दुख होय दुखारी।
तिनहिं विलोकत पातक भारी॥
निज दुख गिरि सम रज कर जाना।
मित्रक दुख रज मेरु समाना।

सच्चा मित्र अपने मित्र को कुसंगति से बचाकर सन्मार्ग पर ले जाता है और उसके गुणों को प्रकटकर सबके सामने लाता है। मित्रता का निर्वहन-मित्रता के लिए यह माना जाता है कि उनमें आर्थिक समानता होनी चाहिए पर यदि सच्ची मित्रता है तो दो मित्रों के बीच धन, स्वभाव और आचरण की समानता न होने पर भी मित्रता का निर्वाह हुआ है। सच्चे मित्र अपने बीच अमीरी गरीबी को आड़े नहीं आने देते हैं। कृष्ण-सुदामा की मित्रता का उदाहरण सामने है। उनकी हैसियत में ज़मीन-आसमान का अंतर था पर उनकी मित्रता का उदाहरण दिया जाता है।इसी प्रकार अकबर-बीरबल, कृष्णदेवराय और तेनालीरामन की मित्रता का उदाहरण हमारे सामने है। उपसंहार-मित्रता अनमोल वस्तु है जो जीवन में कदम-कदम पर काम आती है। एक सच्चा मित्र मिल जाना गर्व एवं सौभाग्य की बात है। जिसे सच्चा मित्र मिल जाए, उसे सुख का खज़ाना मिल जाता है। हमें मित्र बनाने में सावधानी बरतना चाहिए। एक सच्चा मित्र मिल जाने पर मित्रता का निर्वहन करना चाहिए। सच्चे मित्र के रूठने पर उसे तुरंत मना लेना चाहिए। हमें भी मित्र के गुण बनाए रखना चाहिए, क्योंकि – विपत्ति कसौटी जे कसे तेई साँचे मीत

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