औद्योगिक क्रांति विश्व इतिहास का एक अत्यंत महत्वपूर्ण अध्याय है, जिसने कृषि और हस्तशिल्प आधारित समाज को उद्योग और मशीनों पर आधारित समाज में परिवर्तित कर दिया। इस क्रांति ने नई तकनीकों, मशीनों और फैक्टरियों के माध्यम से आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन में गहरे परिवर्तन किए।
विगत वर्षों में पूछे गए प्रश्न
वर्ष | प्रश्न | अंक |
2023 | यूरोपीय औद्योगिक क्रांति ने अन्तत: नव साम्राज्यवाद को जन्म दिया। वर्णन कीजिए। | 10M |
2021 | औद्योगिक क्रांति न केवल एक प्रौद्योगिकीय क्रांति थी, बल्कि एक सामाजिक-आर्थिक क्रांति भी थी, जिसने लोगों के रहने के ढंग को भी परिवर्तित कर दिया। विवेचना करें। | 10M |
औद्योगिक क्रांति
18वीं सदी के मध्य में हस्तनिर्मित, घरेलू उत्पादन से मशीन संचालित, कारखाना आधारित उत्पादन में परिवर्तन को औद्योगिक क्रांति के नाम से जाना जाता है।
- फैक्ट्री प्रणाली: उत्पादन का केंद्र घरों से फैक्ट्रियों में स्थानांतरित हो गया था।
- क्रांति: इसे क्रांति कहा गया क्योंकि इसने आर्थिक क्षेत्र के साथ-साथ सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्रों पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव डाला।
कारण:
- सामंतवाद के अंत के बाद पूंजीवाद का उदय: उत्पादन बढ़ाकर लाभ कमाने की इच्छा (जैसे, कपड़ा मिलों का विस्तार)।
- पुनर्जागरण और सुधार आंदोलनों से वैज्ञानिक क्रांति: अधिक आविष्कार और खोजें (जैसे, जेम्स वाट का स्टीम इंजन, गैलीलियो की दूरबीन)।
- विश्व व्यापार का विकास और शहरों का विस्तार: वस्त्र और सेवाओं की बढ़ती मांग (जैसे, ब्रिटेन में कपास और चाय की मांग)।
औपनिवेशवाद और साम्राज्यवाद: उपनिवेशों का कच्चे माल और बाजारों के लिए दोहन (जैसे, भारत से कपास, कैरिबियन से चीनी)।
ब्रिटेन एक केंद्र बिंदु के रूप में
- ब्रिटेन: औद्योगिकरण करने वाला पहला देश।
कारक:
- भौगोलिक कारक:
- सहायक नदियों का अच्छा जाल → आसान परिवहन (जैसे: टेम्स नदी)।
- द्वीपीय स्थिति → बाहरी आक्रमण से प्राकृतिक सुरक्षा, जिससे शांति सुनिश्चित हुई (जैसे, नेपोलियन युद्धों के दौरान सुरक्षा)।
- बेहतरीन प्राकृतिक बंदरगाह → समुद्री व्यापार की सुगमता (जैसे: लिवरपूल और लंदन)।
- कोयला और लौह अयस्क की निकटता का होना (जैसे: मिडलैंड्स क्षेत्र)।
- बड़े उपनिवेश साम्राज्य:
- कच्चे माल की उपलब्धता और पुनर्निवेश के लिए मुनाफा प्राप्त हुआ।(जैसे: भारत से कपास की प्राप्ति)।
- 1688 की गौरवमयी क्रांति:
- पूँजीवाद का उदय, राजनीतिक स्थिरता और वैज्ञानिक आविष्कारों को प्रोत्साहन मिला (जैसे- रॉयल सोसाइटी की स्थापना)।
- पूँजी की उपलब्धता:
- ब्रिटेन में पूँजी की उपलब्धता आंतरिक और बाहरी दोनों स्रोतों से होती थी। आंतरिक रूप से 1694 में बैंक ऑफ इंग्लैंड की स्थापना के साथ एक मजबूत बैंकिंग प्रणाली विकसित हुई, जबकि बाहरी रूप से उपनिवेशों से धन का निकास पूँजी उपलब्धता में योगदान करता था।
- बाडाबंदी आंदोलन (एनक्लोसर मूवमेंट ):
- जमींदारी प्रथा का अंत → भूमिहीन और बेरोजगार श्रमिकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई।
- अन्य कारक:
- माँग के अनुसार उत्पादन का प्रबंधन किया जाता था। (जैसे: मैनचेस्टर में वस्त्रों का उत्पादन जितनी माँग होती थी, उसके अनुसार किया गया)।
- जनसंख्या वृद्धि से → बड़ा श्रमबल तैयार हुआ (1750 से 1850 के बीच ब्रिटिश जनसंख्या दोगुनी हो गई)।
- बाजार व्यवस्था में स्थानीय प्रशासन का हस्तक्षेप न होना (‘लेसे-फेयर’ नीतियाँ)।
उस समय कोई अन्य देश इन लाभों का आनंद नहीं ले सका।
- रूस: अनुकूल राजनीतिक प्रणाली का अभाव (जैसे, 1861 तक जमींदारी प्रथा बनी रही)।
- जापान: कच्चे माल की कमी (जैसे, आयातित कच्ची कपास)।
- इटली और जर्मनी: अभी एकीकृत नहीं हुए थे (जैसे, इटली 1861 में और जर्मनी 1871 में एकीकृत हुए)।
औद्योगिक क्रांति के घटक
वस्त्र क्रांति की शुरुआत (Beginning of the Textile Revolution):
- पहले, कपास के वस्त्र भारत से आयात किए जाते थे।
- ईस्ट इंडिया कंपनी (EIC) ने उपनिवेशों से कच्चा कपास आयात कर इंग्लैंड में कपड़े बनाना शुरू किया।
- लेकिन पुराने उत्पादन विधियों से मांग पूरी नहीं हो पा रही थी, जिसके कारण बड़े पैमाने पर नवाचार की जरूरत पड़ी।
मुख्य नवाचार (Major Innovations):
- फ्लाइंग शटल (Flying Shuttle) – 1733: जॉन के द्वारा आविष्कृत, इसने बुनाई की गति तेज कर दी।
- स्पिनिंग जेनी (Spinning Jenny) – 1764: जेम्स हरग्रीव्स द्वारा बनाई गई, इसने एक साथ कई धागों को काता जा सकता था ।
- वाटर फ्रेम (Water Frame) – 1769: रिचर्ड आर्कराइट द्वारा विकसित, पानी से संचालित यह मशीन मजबूत और बेहतर धागा तैयार करती थी।
- पावर लूम (Power Loom) – 1785: एडमंड कार्टराइट ने इसका आविष्कार किया, जिससे बुनाई की प्रक्रिया स्वचालित हो गई और कपड़ा उत्पादन की दक्षता बढ़ी।
- कॉटन जिन (Cotton Gin) – 1793: एली व्हिटनी द्वारा आविष्कारित, इसने कपास के रेशों को बीज से अलग करने की प्रक्रिया को यंत्रीकृत कर दिया।
- भाप इंजन (Steam Engine): इसने वस्त्र उत्पादन के लिए एक कुशल ऊर्जा स्रोत प्रदान किया।
- फैक्ट्री सिस्टम: मशीनों और श्रम को एक जगह इकट्ठा करके उत्पादन के तरीके को बदल दिया गया, जिससे उत्पादन में भारी वृद्धि हुई।
- यांत्रिक कॉम्बिंग और कार्डिंग मशीनें (Mechanical Combing and Carding Machines): कच्चे रेशों को कताई के लिए बेहतर तरीके से तैयार करने में सुधार किया गया।
- रोटरी प्रिंटिंग प्रेस (Rotary Printing Press) – 1785: रॉबर्ट बार्कले द्वारा आविष्कारित, इसने मुद्रित कपड़ों के बड़े पैमाने पर उत्पादन को सक्षम बनाया।
याद रखने की ट्रिक:
“First Second floor par WPC ki Jali badi khas hai” (FS WPC → KHACE)
- F → K (Flying shuttle – Kay)
- S → H (Spinning Jenny – Hargreaves)
- W → A (Water frame – Arkwright)
- P → C (Power loom – Cartwright)
- C → E (Cotton gin – Eli Whitney)
परिवहन और संचार क्रांति (Transport and Communication Revolution):
- मैकडैमाइज्ड सड़कें (Macadamized Roads): जॉन मैकडैम ने स्थायी सड़कों के निर्माण की विधि विकसित की।
- नहर निर्माण (Canalization):
- जेम्स ब्रिंडली द्वारा वॉर्सले नहर (ब्रिजवाटर नहर) का निर्माण 1761 में किया गया, जिससे कोयला खानों को औद्योगिक क्षेत्रों से जोड़ा गया।
- इसके बाद 1788-1796 ‘नहर उन्माद’ (Canal Mania) के दौर में नहर निर्माण में उछाल देखा गया।
- सुएज नहर (1869): फर्डिनेंड डे लेसेप्स द्वारा निर्मित, इस नहर ने भारत और यूरोप के बीच समुद्री मार्ग को छोटा किया।
- एरी कैनाल (यूएसए) ने ग्रेट लेक्स को हडसन नदी से जोड़ा।
- रेलवे (Railways):
- 1814 में जॉर्ज स्टीफेंसन ने कोयले के परिवहन के लिए भाप संचालित रेल इंजन का विकास किया।
- 1830 में लिवरपूल से मैनचेस्टर के बीच पहली यात्री ट्रेन चली।
- इसके बाद ब्रिटेन और अमेरिका में रेलमार्ग निर्माण की लहर चल पड़ी।
- ब्रिटेन: 1833-37 के ‘छोटे रेलवे उन्माद’ के दौरान, 1400 मील लंबी लाइन बनाई गई, और 1844-47 के बड़े ‘उन्माद’ के दौरान, 9,500 मील लंबी लाइन को मंजूरी दी गई।
- भारत में पहली रेलवे 1853 में लॉर्ड डलहौजी के नेतृत्व में शुरू की गई थी, जो बॉम्बे (अब मुंबई) को थाने से जोड़ती थी।
- स्टीमशिप (Steamships):
- भाप से चलने वाले जहाजों ने समुद्री परिवहन को तेज और अधिक विश्वसनीय बनाया।
- संचार (Communication):
- टेलीग्राफ: मॉर्स कोड का उपयोग करके विद्युत टेलीग्राफ लाइनों के माध्यम से संदेश भेजे जाने लगे ।
- टेलीफोन: 1876 में अलेक्जेंडर ग्राहम बेल द्वारा आविष्कार किया गया।
कृषि क्रांति (Agricultural Revolution):-
- औद्योगिक क्रांति का प्रभाव: औद्योगिक क्रांति के दौरान शहरों के विकास के कारण खाद्यान्न की मांग बढ़ी।
- फार्म मशीनरी (Farm Mechanisation):
- स्टील हल (Plough) (1837): जॉन डीरे द्वारा आविष्कारित, जिससे जुताई तेज और आसान हो गई।
- जेथ्रो टल्ल का सीड ड्रिल (1701): इससे बीजों को पंक्तियों में बोने की प्रक्रिया कुशल हुई।
- सायरस मैककॉर्मिक का मैकेनिकल रीपर (1831): इसने अनाज की कटाई को तेज और कुशल बनाया।
- फसल चक्रीकरण (Crop Rotation):
- चार्ल्स टाउनशेंड ने चार-फसल चक्रण की विधि अपनाई, जिससे मिट्टी के पोषक तत्वों की भरपाई हुई और उत्पादकता में वृद्धि हुई। (गेहूं, शलजम, जौ और तिपतिया घास)
- भूमि समेकन (Land Consolidation): आर्थर यंग ( (in Annals of Agriculture)) ने भूमि के समेकन का प्रस्ताव रखा, जिससे छोटे, बिखरे हुए खेतों को बड़े और अधिक उत्पादक खेतों में बदला गया।
- एनक्लोजर मूवमेंट (Enclosure Movement):
- सामुदायिक भूमि का निजीकरण करके इसे बड़े और अधिक उत्पादक खेतों में बदल दिया गया।
- फार्म मशीनरी (Farm Mechanisation):
लोहे के उद्योग में तकनीकी परिवर्तन:
- कोक जलाने वाली ब्लास्ट फर्नेस (1709): अब्राहम डार्बी ने कोक का उपयोग करके लोहे के शोधन की प्रक्रिया को अधिक कुशल बनाया।
- द्वितीय डार्बी का सुधार: उन्होंने लोहे को कम नाजुक और अधिक टिकाऊ बनाने की विधि विकसित की।
- हेनरी कॉर्ट की पडलिंग प्रक्रिया: इसने लोहे की गुणवत्ता में सुधार किया।
- स्टील का आविष्कार: लोहे को शुद्ध करके उसमें कार्बन, मैंगनीज और अन्य पदार्थ मिलाकर हल्का, मजबूत और जंग-रहित स्टील तैयार किया गया।
- हेनरी बेस्सेमर की प्रक्रिया (1856): बेस्सेमर की प्रक्रिया ने कास्ट आयरन से सीधे स्टील उत्पादन को संभव बनाया, जिससे समय और लागत दोनों में कमी आई।
भाप शक्ति के आविष्कार का प्रभाव (Changes Due to the Invention of Steam Power):
- नई मशीनों के लिए नए ऊर्जा स्रोतों की आवश्यकता थी। शुरुआत में जल और पवन शक्ति का उपयोग किया गया, लेकिन इनकी सीमाएं थीं।
- थॉमस न्यूकोमेन (1712): ने पहला स्टीम इंजन बनाया, जो खदानों से पानी निकालने में मदद करता था। हालांकि, यह अधिक ऊर्जा का उपयोग करता था।
- जेम्स वाट (1769): ने स्टीम इंजन को और अधिक कुशल और सस्ता बनाया, जिससे इसे उद्योगों में व्यापक रूप से अपनाया गया।
- स्टीम इंजन द्वारा संचालित ट्रेनों ने परिवहन के क्षेत्र में क्रांति ला दी।
- ‘स्टीफ़न रॉकेट‘ 1814 में बनाया गया था, जो रेलगाड़ियों के लिए सबसे पहले भाप इंजन में से एक था।
- रिचर्ड ट्रेविथिक → ‘पफ़िंग डेविल’ भाप इंजन।
- जॉर्ज स्टीफ़ेंसन → ‘ब्लचर’ इंजन।
- 1830 तक, रेलवे लिवरपूल और मैनचेस्टर से जुड़े, जिससे कोयला, लोहे और माल का परिवहन तेजी से और सस्ता हो गया।
औद्योगिक क्रांति के परिणाम
आर्थिक परिणाम (Economic Results):
- उत्पादन और वाणिज्य में असाधारण वृद्धि (Extraordinary Growth in Production and Commerce): 1850 तक ब्रिटेन दुनिया के आधे से अधिक कोयले और लोहे का उत्पादन कर रहा था।
- आर्थिक संतुलन (Economic Balance): औद्योगिक पूंजीवाद के उदय से संपत्ति का वितरण भूमि स्वामियों (कृषि-आधारित) से औद्योगिक पूंजीपतियों की ओर स्थानांतरित हुआ।
- शहरों का विकास (Development of Cities): मैनचेस्टर और बर्मिंघम जैसे शहर औद्योगिक केंद्रों के रूप में तेजी से विकसित हुए।
- परंपरागत उद्योगों का विनाश (Destruction of Cottage Industries): भारत जैसे देशों में परंपरागत हस्तकला उद्योग ब्रिटिश वस्त्र उद्योग की प्रतिस्पर्धा के कारण नष्ट हो गए।
- बैंकिंग और मुद्रा का विकास (Development of Banking and Currency): बैंक ऑफ इंग्लैंड जैसी संस्थाओं ने औद्योगिक विकास में प्रमुख भूमिका निभाई।
- राष्ट्रीय बाजारों का संरक्षण (Protection of National Markets): ब्रिटेन ने आयातित वस्तुओं पर शुल्क लगाया ताकि अपने घरेलू उद्योगों को विदेशी प्रतिस्पर्धा, विशेष रूप से भारत और चीन से बचाया जा सके।
- औद्योगिक पूंजीवाद का विकास (Development of Industrial Capitalism): आर्थिक शक्ति कुछ धनी औद्योगिक पूंजीपतियों के हाथों में केंद्रित हो गई, जिससे व्यापक सामाजिक असमानता पैदा हुई।
- एंड्रयू कार्नेगी जैसे “उद्योग के कप्तान” का उदय।
- कृषि क्रांति और भूमि समेकन (Agricultural Revolution and Enclosure): भूमि को बड़े और अधिक उत्पादक खेतों में समेकित किया गया, लेकिन इसने छोटे किसानों को विस्थापित कर दिया।
सामाजिक परिणाम (Social Results):
- नैतिक मूल्यों का पतन (Fall of Moral Values):श्रमिकों का शोषण आम हो गया, जिसमें लंबे कार्य घंटे, खराब कार्य परिस्थितियाँ और बाल श्रम शामिल थे।
- संयुक्त परिवार प्रणाली का विघटन (Scattering of Joint Family Systems): लोग फैक्ट्री नौकरियों के लिए शहरों की ओर पलायन करने लगे, जिससे पारंपरिक संयुक्त परिवार प्रणाली टूटने लगी।
- दासता प्रणाली पर हमला (Attack on Slavery System): उद्योगों ने मुफ्त श्रम बाजारों की मांग की, जिससे जबरन श्रम पर निर्भरता कम हो गई।
- महिलाओं की मुक्ति (Liberation of Women): औद्योगिकीकरण के कारण महिलाएँ श्रम बाजार में शामिल हुईं, जिससे उनकी आर्थिक स्वतंत्रता बढ़ी।
- एक नए मध्य वर्ग का उदय (Emergence of a New Middle Class): औद्योगिक मालिकों, फैक्ट्री मालिकों, और पेशेवरों का एक नया मध्य वर्ग उभरा।
- शहरों में भीड़ और झुग्गियों की समस्या (Crowding of People into Cities – Problem of Slums): तेजी से शहरीकरण के कारण शहरों में भीड़भाड़, अस्वच्छता और बीमारियों का प्रसार हुआ। हैजा जैसी महामारियाँ आम हो गईं।
- जनसंख्या में वृद्धि (Increase in Population): औद्योगिकीकरण के कारण बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं और जीवन स्तर में सुधार हुआ, जिससे जनसंख्या तेजी से बढ़ी।
राजनीतिक परिणाम (Political Results):
- पैक्स ब्रिटानिका की शुरुआत (Beginning of Pax Britannica):
- 50 वर्षों के भीतर, इंग्लैंड दुनिया का प्रमुख औद्योगिक राष्ट्र बन गया। इसने घरेलू उपभोग और निर्यात दोनों के लिए पर्याप्त कोयला, लौह और वस्त्रों का उत्पादन करना शुरू कर दिया
- शुल्क (Tariff): इंग्लैंड ने अपने उभरते उद्योगों की सुरक्षा के लिए शुल्क लगाकर विश्व बाजार पर पूर्ण नियंत्रण प्राप्त कर लिया।
- राजनीति में लोकतंत्र की मांग (Demand for Democracy in Politics):
- मध्य और श्रमिक वर्गों के उदय ने राजनीतिक अधिकारों और लोकतांत्रिक प्रतिनिधित्व की मांग की।
- उदाहरण: ब्रिटेन का चार्टिस्ट आंदोलन श्रमिकों के मतदान के अधिकार की वकालत करता था।
- औपनिवेशिक प्रतिद्वंद्विता की शुरुआत (Beginning of Colonial Rivalries):
- औद्योगिक राष्ट्रों ने कच्चे माल और नए बाजारों को सुरक्षित करने के लिए उपनिवेशों के लिए प्रतिस्पर्धा की।
- उदाहरण: अफ्रीका की होड़ औद्योगिक क्रांति का सीधा परिणाम थी।
- श्रम आंदोलनों का उदय (Rise of Labour Movements):
- लुड्डिज़्म (1811-17): जनरल नेड लुड के नेतृत्व में श्रमिकों ने मशीनों के प्रभावों के खिलाफ विरोध किया, जिसमें न्यूनतम वेतन की मांग, बेरोजगारों के लिए काम, और महिलाओं और बच्चों के श्रम पर नियंत्रण शामिल थे। उन्होंने ट्रेड यूनियन बनाने का अधिकार भी मांगा।
- सुधार कानून (Reform Laws):
- बाल श्रम कानून (1819): नौ साल से कम उम्र के बच्चों को कारखानों में काम करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
- टेन ऑवर्स (Ten Hours )बिल (1847): महिलाओं और युवाओं के लिए कार्य के घंटों को 10 घंटे प्रतिदिन तक सीमित कर दिया गया।
वैचारिक परिणाम (Ideological Results):
- आर्थिक उदारवाद का उदय (Rise of Economic Liberalism):
- औद्योगिकीकरण ने आर्थिक उदारवाद को बढ़ावा दिया, जिसमें मुक्त बाजार, निजी संपत्ति, और न्यूनतम सरकारी हस्तक्षेप की वकालत की गई।
- एडम स्मिथ की वेल्थ ऑफ नेशंस ने इस अवधि के दौरान मुक्त बाजार पूंजीवाद की नींव रखी।
- समाजवाद का उदय (Rise of Socialism):
- श्रमिकों के शोषण के जवाब में, समाजवाद एक वैकल्पिक विचारधारा के रूप में उभरा, जो उत्पादन के साधनों के सामूहिक स्वामित्व की वकालत करता था।
- कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंगेल्स के कम्युनिस्ट घोषणापत्र (1848) ने पूंजीवाद से उत्पन्न सामाजिक असमानताओं की आलोचना की।