कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) प्रौद्योगिकी का एक ऐसा क्षेत्र है, जो मशीनों को सोचने, समझने और निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करता है। प्रौद्योगिकी की इस शाखा में कंप्यूटर मानव मस्तिष्क की तरह कार्य करते हैं, जिससे वे विभिन्न कार्यों को स्वतः सीखकर पूरा कर सकते हैं।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता
परिभाषा
- “कृत्रिम बुद्धिमत्ता का अर्थ है बुद्धिमान मशीनें, विशेष रूप से बुद्धिमान कंप्यूटर प्रोग्राम बनाने का विज्ञान और इंजीनियरिंग।” – जॉन मैक्कार्थी [एआई के जनक]
- नीति आयोग के अनुसार: “एआई तकनीकों का ऐसा समूह है जो मशीनों को उच्च स्तर की बुद्धिमत्ता के साथ कार्य करने और मानव क्षमताओं जैसे समझना, सीखना और कार्य करने की नकल करने में सक्षम बनाता है।”
- सरल शब्दों में: ⇒ एआई मशीनों की वह क्षमता है, जिससे वे संज्ञानात्मक कार्य (जैसे सोचना, देखना, सीखना, समस्या हल करना और निर्णय लेना) कर सकती हैं।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता का इतिहास
- 1940s-1950s: शुरुआती आधार
- एलन ट्यूरिंग ने मशीन इंटेलिजेंस का विचार प्रस्तुत किया और “ट्यूरिंग टेस्ट” पेश किया, जो यह जांचता है कि क्या मशीनें मानव जैसी बुद्धिमत्ता प्रदर्शित कर सकती हैं।
- डिजिटल कंप्यूटरों के आविष्कार ने मानव बुद्धि को अनुकरण करने की नींव रखी।
- 1956: एआई के क्षेत्र का जन्म
- जॉन मैक्कार्थी ने डार्टमाउथ सम्मेलन के दौरान “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस” शब्द गढ़ा।
- 1960s:शुरुआती प्रगति
- शुरुआती एआई प्रोग्राम्स का विकास, जैसे ELIZA (एक सरल चैटबॉट) और SHRDLU (भाषा प्रसंस्करण प्रोग्राम)।
- 1970s: एआई विंटर की शुरुआत
- सीमित कंप्यूटिंग शक्ति और फंडिंग की कमी के कारण प्रगति धीमी हो गई।
- 1980s: एआई का पुनरुद्धार
- जापान के “फिफ्थ जनरेशन कंप्यूटर प्रोजेक्ट” ने एआई अनुसंधान में नए सिरे से रुचि और फंडिंग को प्रेरित किया।
- मशीन लर्निंग का उदय: न्यूरल नेटवर्क्स और डिसीजन ट्रीज की शुरुआत ने सिस्टम में समय के साथ सुधार हुआ।
- 1990s: एआई की उपलब्धियां
- मानव मस्तिष्क की संरचना से प्रेरित न्यूरल नेटवर्क्स अधिक प्रभावी हुए।
- 1997: IBM के “डीप ब्लू” कंप्यूटर ने शतरंज चैंपियन गैरी कास्पारोव को हराया, जो रणनीतिक सोच में एआई की क्षमता को दर्शाता है।
- 2000s: तेजी से प्रगति
- उन्नत कंप्यूटिंग शक्ति (जैसे GPU), बिग डेटा (जैसे ImageNet), और मशीन लर्निंग ने एआई अनुसंधान को तेज किया।
- 2010s – वर्तमान : एआई हमारे जीवन में
- डीप लर्निंग में प्रगति ने छवि पहचान, नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग और स्वायत्त वाहनों जैसे क्षेत्रों में क्रांति ला दी। उदाहरण: सिरी, एलेक्सा, और स्वायत्त वाहन।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता के प्रकार
- क्षमताओं के आधार पर :
- नैरो एआई (Weak AI): एक ही कार्य को कुशलता से करने पर केंद्रित।
- उदाहरण : सिरी, एलेक्सा, गूगल असिस्टेंट
- जनरल AI (Strong AI): भविष्य का एक ऐसा एआई, जो प्रत्येक उस बौद्धिक कार्य को कर सकता है, जिसे एक मानव कर सकता है।
- उदाहरण: एक ऐसा रोबोट जो तर्क, समस्या-समाधान और निर्णय लेने में सक्षम हो (अभी तक विकसित नहीं हुआ है)।
- सुपरइंटेलिजेंट AI: ऐसा एआई जो सभी क्षेत्रों में मानव बुद्धिमत्ता में श्रेष्ठ हो, जिसमें भावनात्मक बुद्धिमत्ता भी शामिल है।
- उदाहरण : एक सैद्धांतिक अवधारणा है; अक्सर साइंस फिक्शन फिल्मों में दिखाया जाता है (जैसे, Ex Machina)।
- नैरो एआई (Weak AI): एक ही कार्य को कुशलता से करने पर केंद्रित।
- कार्यात्मकता के आधार पर:
- रिएक्टिव मशीन: केवल वर्तमान डेटा पर कार्य करती है और पिछले अनुभव को संगृहीत नहीं करती।
- उदाहरण: IBM का “Deep Blue” शतरंज कंप्यूटर।
- लिमिटेड मेमोरी : कुछ हद तक पिछले डेटा से सीखने में सक्षम।
- उदाहरण: सेल्फ-ड्राइविंग कारें जो ट्रैफिक पैटर्न का विश्लेषण करती हैं।
- थ्योरी ऑफ माइंड : भावनाओं और सामाजिक इंटरैक्शन को समझने में सक्षम; अभी प्रयोगात्मक चरण में है।
- सेल्फ-अवेयर एआई : चेतना और आत्म-जागरूकता वाली मशीनें (अभी तक केवल सैद्धांतिक)।
- रिएक्टिव मशीन: केवल वर्तमान डेटा पर कार्य करती है और पिछले अनुभव को संगृहीत नहीं करती।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता के अनुप्रयोग
क्षेत्र | अनुप्रयोग | उदाहरण |
स्वास्थ्य | AI-चालित निदान उपकरण, वैयक्तिकृत चिकित्सा और चिकित्सा अनुसंधान। | 3Nethra: नेत्र रोगों की स्क्रीनिंग। AI आधारित दवा खोज प्लेटफ़ॉर्म। |
कृषि | सटीक खेती, जिंस मूल्य पूर्वानुमान, और स्वायत्त कृषि रोबोट। | Microsoft + KPAC: कृषि वस्तुओं का पूर्वानुमान। E-कृषि यंत्र: बहु-कार्यात्मक खेती रोबोट। |
औद्योगिक क्रांति 4.0 और निर्माण | AI-चालित रोबोट द्वारा स्वचालित कार्य, रखरखाव का पूर्वानुमान, और उत्पाद गुणवत्ता नियंत्रण। | निर्माण में कोबोट्स। कारखानों में रखरखाव का पूर्वानुमान। गुणवत्ता नियंत्रण प्रणाली। |
AI-चालित वैयक्तिकरण और ग्राहक सेवा | उपयोगकर्ता की पसंद और व्यवहार के आधार पर उत्पाद और सेवाओं को वैयक्तिकृत करना। | Netflix: सामग्री की अनुशंसा। SBI का SIA: AI-पावर्ड चैट सहायक। |
साइबर सुरक्षा और धोखाधड़ी का पता लगाना | AI असामान्य व्यवहार का पता लगाकर साइबर हमलों को रोकता है। | Darktrace Detect: AI-आधारित साइबर सुरक्षा। वित्तीय धोखाधड़ी का पता लगाना। |
संसाधन प्रबंधन और आपूर्ति श्रृंखला | ऊर्जा वितरण, संसाधन आवंटन, और लॉजिस्टिक्स को अनुकूलित करना। विभिन्न क्षेत्रों में आपूर्ति और मांग को संतुलित करना। | स्मार्ट ग्रिड्स: ऊर्जा प्रबंधन के लिए AI। CoWIN ऐप: वैक्सीन वितरण। |
डिजिटल शासन और पुलिसिंग | शासन कार्यों को सरल बनाना, कानून प्रवर्तन में सहायता, और सार्वजनिक सेवाएं प्रदान करना। | CCTNS: पुलिसिंग में AI।SUPACE: कानूनी प्रक्रियाओं में सहायता के लिए AI। |
आपदा प्रबंधन और मानवीय सहायता | प्राकृतिक आपदाओं की भविष्यवाणी, संसाधन वितरण में सुधार, और बचाव कार्यों में सहायता। | Google AI: बाढ़ की 7 दिन पहले भविष्यवाणी। बचाव कार्यों के लिए AI। |
अंतरिक्ष अनुसंधान और रक्षा | अंतरिक्ष मिशन और रक्षा रणनीतियों को बेहतर बनाना। | VSSC: चंद्रयान-3 प्रबंधन के लिए AI। साइबर रक्षा और स्वायत्त ड्रोन। |
शिक्षा | वैयक्तिकृत शिक्षा अनुभव, प्रशासनिक कार्य स्वचालित करना. | BYJU’s: AI-पावर्ड शिक्षण प्रणाली। स्कूलों में स्वचालित ग्रेडिंग। |
वित्त और बैंकिंग | क्रेडिट स्कोरिंग, धोखाधड़ी का पता लगाना, और वित्तीय विश्लेषण में सुधार। | ICICI बैंक: AI सॉफ़्टवेयर रोबोट। निवेश प्रबंधन प्लेटफ़ॉर्म। |
रिटेल और आतिथ्य | अनुशंसा प्रणाली, गतिशील मूल्य निर्धारण, और ग्राहक अनुभव में सुधार। | Amazon: उत्पाद अनुशंसा। होटल बुकिंग और मूल्य निर्धारण में AI। |
परिवहन | स्वचालित वाहन एवम् ट्रैफ़िक प्रबंधन द्वारा सुरक्षा और दक्षता में सुधार। | Tesla: स्व-चालित वाहन। ट्रैफ़िक प्रबंधन के लिए AI। |
पर्यावरण संरक्षण | जलवायु निगरानी, मौसम परिवर्तन की भविष्यवाणी, और वन्यजीव संरक्षण। | जलवायु परिवर्तन मॉडलिंग में AI। वन्यजीव संरक्षण और शिकार-रोधी तकनीक। |
मीडिया और मनोरंजन | सामग्री निर्माण, वीडियो संपादन, और व्यक्तिगत उपयोगकर्ता अनुभव को स्वचालित करना। | AI-जनित सामग्री। AI-आधारित वीडियो संपादन उपकरण। |
जनरेटिव AI
- जनरेटिव AI एक अत्याधुनिक तकनीकी प्रगति है, जो मशीन लर्निंग और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग करके नए प्रकार के मीडिया जैसे टेक्स्ट, ऑडियो, वीडियो, और एनीमेशन बनाने में सक्षम बनाता है।
- जनरेटिव AI मॉडल को अनसुपरवाइज्ड लर्निंग तकनीकों के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाता है। वे प्रशिक्षण डेटा से पैटर्न और आंकड़ों को देखकर और कैप्चर करके डेटा उत्पन्न करते हैं, नई सामग्री बनाते हैं, जो मानव द्वारा बनाए गए डेटा जैसा प्रतीत होता है।
- सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले मॉडल हैं:
- वेरिएशनल ऑटोएन्कोडर्स (VAEs)
- जनरेटिव एडवर्सरियल नेटवर्क्स (GANs)
- ऑटोरिग्रेसिव मॉडल्स
- लोकप्रिय जनरेटिव AI उपकरण : ChatGPT (OpenAI), Gemini (google)
कृत्रिम बुद्धिमत्ता की चुनौतियाँ
चुनौतियाँ | विवरण | उदाहरण |
पक्षपात और निष्पक्षता | कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) सिस्टम प्रशिक्षण डेटा से पक्षपात (bias) ग्रहण कर सकते हैं, जिससे भेदभावपूर्ण या अनुचित परिणाम उत्पन्न हो सकते हैं। | MIT मीडिया लैब अध्ययन: फेस रिकॉग्निशन प्रणालियों में गहरे रंग की त्वचा वाले व्यक्तियों के लिए अधिक त्रुटियां पाई गईं।पल्स ऑक्सीमीटर: गहरे रंग की त्वचा वाले व्यक्तियों के लिए कम सटीक। |
गोपनीयता संबंधी चिंताएँ | AI बड़ी मात्रा में व्यक्तिगत डेटा पर निर्भर करती है, जिससे गोपनीयता उल्लंघन और डेटा दुरुपयोग का खतरा बढ़ता है। | कैम्ब्रिज एनालिटिका घोटाला: सोशल मीडिया डेटा का उपयोग चुनावों के दौरान मतदाता हेरफेर के लिए किया गया। |
एल्गोरिदमिक पारदर्शिता और उत्तरदायित्व | यह सुनिश्चित करने में कठिनाई होती है कि एआई सिस्टम नैतिक मानकों या कानूनी आवश्यकताओं के अनुरूप हों, खासकर जब उनके निर्णय अस्पष्ट होते हैं। | COMPAS एल्गोरिदम: अमेरिकी आपराधिक न्याय प्रणाली में उपयोग किया गया, जिसमें काले रंग वाले प्रतिवादियों को उच्च जोखिम वाला दिखाने की प्रवृत्ति पाई गई। |
स्वचालित साइबर हमले | साइबर अपराधी और राज्य प्रायोजित तत्व AI का उपयोग साइबर हमलों की क्षमता और पैमाने को बढ़ाने के लिए कर सकते हैं। | AI-संचालित फिशिंग अभियान, मैलवेयर वितरण, और DDoS हमले। |
बेरोजगारी और नौकरी में विस्थापन | एआई के माध्यम से स्वचालन के कारण नौकरियों की हानि हो सकती है, जिससे आर्थिक संकट हो सकता है। | मैकिंज़ी ग्लोबल इंस्टीट्यूट का अनुमान: 2025 तक एआई 85 मिलियन नौकरियाँ छीन लेगा। |
एआई का सैन्यकरण | AI-संचालित तकनीक का उपयोग सैन्य या जासूसी उद्देश्यों के लिए बढ़ रहा है, जिससे नए वैश्विक सुरक्षा खतरे उत्पन्न हो सकते हैं। | Stuxnet वर्म: यह एक साइबर हथियार था जिसे अमेरिका और इजराइल ने ईरान के परमाणु संवर्धन केंद्रों को बाधित करने के लिए विकसित किया था। |
असमान शक्ति और नियंत्रण | बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियां बड़े डेटा सेट और AI तकनीक को नियंत्रित करती हैं, जिससे शक्ति का असंतुलन होता है। | डेटा-ओलिगार्चिक समाज: तकनीकी दिग्गज AI परिदृश्य पर हावी हैं और छोटे प्रतिस्पर्धियों को बाधित करते हैं। |
सोशल इंजीनियरिंग | AI तकनीक जैसे लक्षित विज्ञापन और वैक्तिकृत सामग्री अनुशंसा संज्ञानात्मक पूर्वाग्रहों का उपयोग करती हैं और व्यवहार में हेरफेर करती हैं। | सोशल मीडिया: एल्गोरिदम सनसनीखेज या ध्रुवीकृत सामग्री को प्राथमिकता देते हैं, जो मौजूदा पूर्वाग्रहों को मजबूत करता है। |
पर्यावरणीय प्रभाव | AI प्रसंस्करण के लिए आवश्यक बड़े डेटा केंद्र वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। | डेटा केंद्रों में पावर-हंग्री एयर कंडीशनिंग सिस्टम बड़े पैमाने पर कार्बन फुटप्रिंट उत्पन्न करते हैं। |
असमानताएं बढ़ाना | डिजिटल विभाजन: डिजिटल प्रौद्योगिकियों और AI शिक्षा तक असमान पहुंच। | AI के कुछ तकनीकी दिग्गजों द्वारा नियंत्रण के कारण बढ़ती संपत्ति असमानता। |
कानूनी और नियामक चुनौतियाँ | व्यापक AI कानूनों की अनुपस्थिति: भारत में एआई के उपयोग को विनियमित करने के लिए विशिष्ट कानूनों का अभाव है, जिससे डेटा सुरक्षा और एल्गोरिथम जवाबदेही जैसे मुद्दों के लिए कानूनी शून्यता बनी हुई है।सीमा-पार डेटा साझा करना: AI सिस्टम अक्सर विभिन्न देशों में संगृहीत डेटा को संसाधित करते हैं, जिससे क्षेत्राधिकार संबंधी विवाद उत्पन्न होते हैं।बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) मुद्दे: AI-जनित कार्यों के स्वामित्व को लेकर अनिश्चितता—क्या इसका श्रेय मशीन को या प्रोग्रामर को दिया जाए?आपराधिक न्याय में AI: पूर्वानुमानित पुलिसिंग में AI का उपयोग, बिना सबूत प्रोफाइलिंग और दोषारोपण पर सवाल उठाता है। | |
डीप फेक | डीप फेक डिजिटल रूप से संश्लेषित ऐसे मीडिया होते हैं जिन्हें जनरेटिव एडवर्सेरियल नेटवर्क्स (GAN) जैसी उन्नत गहन शिक्षण तकनीकों का उपयोग करके बनाया जाता है, जो यथार्थवादी लेकिन पूरी तरह से नकली दृश्य और ऑडियो सामग्री उत्पन्न करते हैं।उदाहरण: स्विमसूट पहने एक अभिनेत्री का वायरल वीडियो या प्रधानमंत्री द्वारा गरबा करने का वीडियो। हाइपर-यथार्थवादी डिजिटल फर्जीवाड़े निम्नलिखित चुनौतियां प्रस्तुत करते हैं:भ्रामक जानकारी और दुष्प्रचार (Misinformation and Disinformation): झूठी जानकारी फैलाना, जनमत में हेरफेर करना, विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाना। उदाहरण: यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की का डीपफेक।प्रतिरूपण और पहचान की चोरी (Impersonation and Identity Theft): वित्तीय धोखाधड़ी को बढ़ावा देता है।गोपनीयता उल्लंघन (Privacy Violations): व्यक्तिगत तस्वीरों या वीडियो का बिना अनुमति उपयोग, गोपनीयता का उल्लंघन।कानूनी और नैतिक चिंताएँ (Legal and Ethical Concerns): वैधता और नैतिकता पर सवाल उठाना, विनियमन और जवाबदेही की आवश्यकता।महिलाओं के खिलाफ हथियार के रूप में उपयोग (Weaponization Against Women): मुख्य रूप से पोर्नोग्राफिक, मनोवैज्ञानिक आघात और सामाजिक परिणाम उत्पन्न करता है।राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा (Threats to National Security): सार्वजनिक सुरक्षा को कमजोर करना, अराजकता पैदा करना, और राष्ट्र-विरोधी भावनाएं भड़काना।लोकतांत्रिक संस्थानों में विश्वास का क्षरण (Undermine Trust in Democratic Institutions): लोगों में हेरफेर करना, चुनावों को बाधित करना। उदाहरण: मनोज तिवारी का वायरल वीडियो।पारंपरिक मीडिया में घटता विश्वास (Declining Trust in Traditional Media): अल्पकालिक और दीर्घकालिक नुकसान।झूठे लाभ का योगदान (Contribution to the “Liar’s Dividend”): अवांछित सत्य को फेक न्यूज के रूप में खारिज करना, विश्वसनीयता को कमजोर करना।डिजिटल नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, MeitY ने हाल ही में IT नियम 2021 के तहत सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को डीपफेक पर एडवाइजरी जारी की है। |
कृत्रिम बुद्धिमत्ता को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय पहल
पहल/कार्यक्रम | उद्देश्य/विवरण |
राष्ट्रीय AI पोर्टल (INDIAai Portal) | इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY), राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन (NeGD) और NASSCOM की संयुक्त पहल।मई 2020 में शुरू किया गया, यह भारत में AI विकास से संबंधित शैक्षिक सामग्री, समाचार और अपडेट प्रदान करने वाला एक राष्ट्रीय AI संसाधन केंद्र है। |
कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर राष्ट्रीय कार्यक्रम (India) | जिम्मेदार AI, नवाचार और AI के लाभों को संभावित जोखिमों के साथ संतुलित करने पर केंद्रित एक घरेलू पहल। |
फ्यूचर स्किल्स प्राइम | AI से संबंधित कौशलों में पुन: कौशल विकास और उन्नयन को बढ़ावा देने वाला कार्यक्रम, ताकि कार्यबल को बदलते नौकरी परिदृश्य के लिए तैयार किया जा सके। |
SUPACE (सुप्रीम कोर्ट पोर्टल फॉर असिस्टेंस इन कोर्ट्स एफिशिएंसी) | न्यायिक प्रणाली में दक्षता बढ़ाने के लिए न्यायाधीशों को कानूनी शोध में सहायता प्रदान करने वाला AI आधारित पोर्टल। |
ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (GPAI) | भारत जून 2020 में GPAI का हिस्सा बना, जो वैश्विक AI अनुसंधान और विकास में सहयोग करता है। |
यूएस-इंडिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (USIAI) पहल | भारत और अमेरिका के बीच AI में विज्ञान और प्रौद्योगिकी संबंधों को बढ़ाने के लिए शुरू की गई पहल। |
राष्ट्रीय मिशन ऑन इंटरडिसिप्लिनरी साइबर-फिजिकल सिस्टम्स: | टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब्स (TIH)IIT खड़गपुर में AI और ML केंद्रों की स्थापना, तकनीकी नवाचार और AI अनुसंधान के लिए। |
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रिसर्च, एनालिटिक्स और नॉलेज असिमिलेशन प्लेटफॉर्म | एक क्लाउड कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म, जिसका उद्देश्य भारत को AI में अग्रणी बनाना और शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, शहरीकरण और गतिशीलता जैसे क्षेत्रों को बदलना है। |
जिम्मेदार कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) फॉर यूथ | युवाओं को जिम्मेदार AI प्रथाओं के बारे में शिक्षित करने के लिए एक राष्ट्रीय कार्यक्रम। |
इंडिया AI मिशन | 10,300 करोड़ रुपये की पहल, जिसका उद्देश्य AI कंप्यूट क्षमता खरीदना और इसे स्टार्ट-अप्स और शोधकर्ताओं को सब्सिडी दरों पर प्रदान करना है। |
भारतजेन पहल (BharatGen Initiative) | सरकार द्वारा वित्त पोषित बहु-मॉडल AI पहल। |
भारतजेन पहल: सरकार द्वारा वित्त पोषित बहु-मॉडल AI पहल
- लक्ष्य: भारतीय भाषाओं, वाणी और कंप्यूटर दृष्टि (computer vision) में जनरेटिव AI मॉडल विकसित करना, जिससे सार्वजनिक सेवा वितरण और नागरिक जुड़ाव को प्रोत्साहित किया जा सके।
- दृष्टिकोण: भारत के सामाजिक-सांस्कृतिक और भाषाई परिदृश्य के अनुरूप समावेशी और कुशल AI तकनीकों का विकास।
- नेतृत्व: यह पहल विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के राष्ट्रीय मिशन ऑन इंटरडिसिप्लिनरी साइबर-फिजिकल सिस्टम्स (NM-ICPS) के तहत IIT बॉम्बे द्वारा संचालित की जा रही है।
- समयसीमा: इसे दो वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य है।
मुख्य विशेषताएँ:
- बहुभाषी और बहु-मॉडल मॉडल्स: भारत की भाषाई और सांस्कृतिक विविधता पर केंद्रित।
- भारत-केंद्रित डेटा: सटीक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए भारत-विशिष्ट डेटा पर आधारित प्रशिक्षण।
- ओपन-सोर्स प्लेटफॉर्म: सभी क्षेत्रों के लिए सुलभ AI सुनिश्चित करना।
- रणनीतिक प्रभाव: ‘भारत में AI बनाओ, भारत के लिए AI बनाओ’ की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इंडियाAI मिशन
इंडियाAI मिशन की शुरुआत 7 मार्च 2024 को ₹10,371.92 करोड़ के बजट के साथ की गई, जिसका उद्देश्य भारत को वैश्विक AI नेतृत्व के रूप में स्थापित करना और समाज में AI के लाभों का लोकतंत्रीकरण करना है।
उद्देश्य:
- AI प्रौद्योगिकियों तक सबकी पहुँच सुनिश्चित करना।
- तकनीकी आत्मनिर्भरता और नवाचार को बढ़ावा देना।
- नैतिक और जिम्मेदार AI उपयोग को प्रोत्साहित करना।
- समावेशी विकास और सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन को प्रेरित करना।
क्रियान्वयन एजेंसी : इंडियाAI, जो डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन (DIC), इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY) के अंतर्गत एक स्वतंत्र व्यवसाय प्रभाग (Independent Business Division) है।
इंडियाAI मिशन के 7 प्रमुख स्तंभ:
- इंडियाAI गणना क्षमता
- 10,000+ GPUs के साथ उच्च-स्तरीय, स्केलेबल AI कंप्यूटिंग पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण, सार्वजनिक-निजी साझेदारी के माध्यम से।
- AI को सेवा (AI as a Service) और प्री-ट्रेंड मॉडल्स प्रदान करने के लिए AI मार्केटप्लेस का शुभारंभ।
- इंडिया AI नवाचार केंद्र:
- स्वदेशी बड़े बहु-मॉडल मॉडल्स (Large Multimodal Models – LMMs) और क्षेत्र-विशिष्ट फाउंडेशनल मॉडल्स का विकास।
- इंडियाAI डैटासेट्स प्लेटफॉर्म:
- स्टार्टअप्स और शोधकर्ताओं के लिए उच्च गुणवत्ता वाले, गैर-व्यक्तिगत डेटा सेट्स तक निर्बाध पहुँच के लिए एकीकृत प्लेटफॉर्म का निर्माण।
- इंडियाAI एप्लिकेशन डेवलपमेंट इनिशिएटिव:
- केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य विभागों, और संस्थानों के साथ सहयोग के माध्यम से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में AI समाधान को बढ़ावा देना।
- इंडियाAI फ्यूचरस्किल्स
- स्नातक, परास्नातक, और पीएचडी कार्यक्रमों में AI शिक्षा को बढ़ावा देना।
- टियर 2 और टियर 3 शहरों में डेटा और AI लैब्स की स्थापना, बुनियादी AI प्रशिक्षण के लिए।
- इंडियाAI स्टार्टअप फाइनेंसिंग:
- नवीन AI परियोजनाओं के लिए फंडिंग तक सुगम पहुँच के माध्यम से गहन-तकनीकी AI स्टार्टअप्स को समर्थन।
- सुरक्षित और विश्वसनीय AI
- जिम्मेदार AI विकास के लिए रूपरेखाएँ, उपकरण, और स्व-मूल्यांकन चेकलिस्ट विकसित करना।
अपेक्षित परिणाम:
- भारत की तकनीकी स्वायत्तता और वैश्विक AI प्रतिस्पर्धा को मजबूत करना।
- भारत की जनसांख्यिकीय विभाजन (demographic dividend) का लाभ उठाते हुए उच्च-कुशल रोजगार सृजन।
- प्रभावशाली और स्केलेबल AI समाधानों के माध्यम से AI-प्रेरित सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन को उत्प्रेरित करना।
- सामाजिक कल्याण के लिए नैतिक AI नवाचार में भारत को वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करना।
इंडियाAI मिशन समावेशी विकास और वैश्विक नेतृत्व के लिए AI की परिवर्तनकारी क्षमता का उपयोग करने की भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उठाए गए कदम
AI आधारित शासन
- BHASHINI: भारतीय भाषाओं का समर्थन करने वाला AI आधारित भाषा अनुवाद उपकरण।
- इंडिया स्टैक और AI : डिजिटल अवसंरचना जो AI-संचालित सेवाओं को सक्षम बनाती है।
AI कंप्यूटर & सिस्टम
- AIRAWAT: पुणे के C-DAC में स्थित भारत का AI सुपरकंप्यूटर।
- राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन : भारत की कंप्यूटिंग क्षमताओं को मजबूत बनाने के उद्देश्य से।
- क्वांटम कंप्यूटिंग एप्लिकेशन लैब : क्वांटम कंप्यूटिंग अनुप्रयोगों के विकास पर केंद्रित।
AI के लिए डेटा
- डाटा मैनेजमेंट ऑफिस : डेटा प्रबंधन प्रथाओं के मानकीकरण को सुनिश्चित करता है।
- इंडिया डेटा सेट्स प्रोग्राम और इंडिया डेटा प्लेटफॉर्म : स्टार्टअप्स और शोधकर्ताओं के लिए गैर-व्यक्तिगत डेटा सेट्स तक पहुँच प्रदान करता है।
AI, बौद्धिक संपदा (IP) और नवाचार
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिए उत्कृष्टता केंद्र : AI अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देता है।
- MeitY स्टार्ट-अप हब : AI आधारित स्टार्टअप्स का समर्थन करता है।
- राष्ट्रीय कृत्रिम बुद्धिमत्ता केंद्र (NCAI): AI अनुसंधान के लिए एक केंद्रीकृत केंद्र स्थापित करने की योजना।
AI में कौशल विकास
- फ्यूचर स्किल्स प्राइम : NASSCOM और MeitY की संयुक्त पहल, AI प्रमाणन कार्यक्रम प्रदान करती है।
- जिम्मेदार AI फॉर यूथ : स्कूल छात्रों को AI-तैयार बनाने का कार्यक्रम।
AI नैतिकता & शासन
- RAISE: MeitY द्वारा सामाजिक सशक्तिकरण के लिए उत्तरदायी AI, नैतिक AI उपयोग पर केंद्रित है।
- Digital Sansad App: नए संसद भवन में कार्यवाही को लिप्यंतरित करने के लिए AI-संचालित प्लेटफॉर्म।
AIRAWAT (एरावत)
- “AIRAWAT” भारत के AI सुपरकंप्यूटर का नाम है, जिसका पूरा रूप है “AI Research, Analytics, and Knowledge Dissemination Platform”।
- कार्य : यह मुख्य रूप से कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और मशीन लर्निंग (ML) वर्कलोड्स के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो जटिल गणनात्मक कार्यों को सक्षम बनाता है।
- स्थान : C-DAC, पुणे में स्थापित।
- वैश्विक रैंकिंग : वर्तमान में यह टॉप 500 सुपरकंप्यूटिंग सूची में 75वें स्थान पर है।
- महत्व :यह AI सुपरकंप्यूटिंग के क्षेत्र में भारत की एक ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जाती है, जो देश की तकनीकी प्रगति को प्रदर्शित करती है।
AI नियमन
AI के लिए नियमन क्यों आवश्यक है?
- अनिश्चित जोखिमों का प्रबंधन:
- “ब्लैक बॉक्स” चुनौती : कुछ AI सिस्टम इतने जटिल होते हैं कि वे “ब्लैक बॉक्स” की तरह कार्य करते हैं – यहाँ तक कि उनके डेवलपर्स भी यह नहीं समझ पाते कि वे निर्णय तक कैसे पहुँचे।
- त्रुटियों और पक्षपात का सामना करना
- व्यवहार में अनिश्चितता
- राष्ट्रीय सुरक्षा और संरक्षा संबंधी चिंताएँ
- केवल कुछ बहुराष्ट्रीय निगमों द्वारा एआई को नियंत्रित किया जाना।
- जेनरेटिव AI के युग में साइबर जोखिम
- AI-चालित फ़िशिंग : 2022 के बाद से फ़िशिंग ईमेल में 1,265% की वृद्धि हुई। AI ऐसे विश्वसनीय ईमेल तैयार करता है, जिन्हें पहचानना मुश्किल होता है।
वैश्विक AI शासन दृष्टिकोण
- 2018: कनाडा और फ्रांस ने G7 समर्थित अंतर्राष्ट्रीय AI पैनल (International Panel on AI) की योजना बनाई, जिसे IPCC के मॉडल पर तैयार किया गया।
- 2019: इस पैनल का नाम बदलकर ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन AI (GPAI) कर दिया गया।
GPAI का शुभारंभ (जून 2020):
- स्थापना के समय 15 सदस्य : ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको, न्यूज़ीलैंड, सिंगापुर, स्लोवेनिया, यूके, और यूएसए।
- 2023: में सदस्य संख्या बढ़कर 29 हो गई।
- मैंडेट : जिम्मेदार AI, डेटा शासन, भविष्य का कार्यक्षेत्र (Future of Work), और नवाचार/व्यावसायीकरण पर ध्यान केंद्रित।
- GPAI की मेजबानी आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) द्वारा की जाती है।
- भारत GPAI का प्रमुख अध्यक्ष (Lead Chair) बना।
अंतर्राष्ट्रीय AI नियम और सिद्धांत:
- 2019: OECD AI सिद्धांत और G20 AI सिद्धांत।.
- 2020: यूरोपीय संघ ने AI नियमन रणनीति का प्रारूप तैयार किया।
- 2021: यूनेस्को (UNESCO): AI नैतिकता पर वैश्विक उपकरण अपनाया।
- 2023: हिरोशिमा AI प्रक्रिया (HAP): G7 द्वारा लॉन्च।
- 2023: AI सुरक्षा शिखर सम्मेलन (AI Safety Summit): 1–2 नवंबर 2023 को यूके के ब्लेचली पार्क में आयोजित।
- 2024: UN AI सलाहकार निकाय (U.N. AI Advisory Body): अंतिम रिपोर्ट में 7 सिफारिशें।
- 2024: पहला वैश्विक कानूनी बाध्यकारी संधि → काउंसिल ऑफ यूरोप फ्रेमवर्क कन्वेंशन: AI, मानवाधिकार, लोकतंत्र, और कानून के शासन पर।
AIफॉर गुड (ITU & UN):
- AI का उपयोग संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals – SDGs) को प्राप्त करने के लिए।
AI नियमन के विभिन्न दृष्टिकोण
- यूरोपीय संघ (EU): पारदर्शिता और जोखिम प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करते हुए एआई के उपयोग को विनियमित करने के लिए एक व्यापक कृत्रिम बुद्धिमत्ता अधिनियम अपनाया गया।
- AI अनुप्रयोगों का जोखिम-आधारित वर्गीकरण।
- संयुक्त राज्य अमेरिका: सख्त कानूनों के बजाय स्वैच्छिक अनुपालन की वकालत करता है, उद्योग स्व-नियमन को बढ़ावा देता है।
- चीन: एआई विकास में राज्य नियंत्रण और सामाजिक स्थिरता बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित करता है।
भारत का AI नियमन दृष्टिकोण
- संप्रभु AI : भारत AI के बहु-आयामी नियमन दृष्टिकोण पर कार्य कर रहा है, जो स्वास्थ्य सेवा और कृषि जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में इसके स्वदेशी अनुप्रयोगों पर केंद्रित है। साथ ही, यह गोपनीयता और नैतिक मुद्दों को संबोधित करने पर बल देता है।
- डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 : यह अधिनियम AI प्लेटफार्मों से संबंधित डेटा गोपनीयता चिंताओं को संबोधित करता है। यह सुनिश्चित करता है कि व्यक्तिगत डेटा का संचालन नियमन के तहत हो और व्यक्तियों की गोपनीयता की रक्षा की जाए।
- ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस : भारत GPAI का सक्रिय सदस्य है और 2023 में GPAI शिखर सम्मेलन की मेजबानी नई दिल्ली में की। इस सम्मेलन में जिम्मेदार AI, डेटा शासन, भविष्य का कार्यक्षेत्र, नवाचार, और व्यावसायीकरण जैसे विषयों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
- राष्ट्रीय कृत्रिम बुद्धिमत्ता रणनीति #AIForAll strategy, आयोग द्वारा : यह रणनीति स्वास्थ्य देखभाल, कृषि, शिक्षा, स्मार्ट शहरों और बुनियादी ढांचे, और स्मार्ट गतिशीलता और परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित करते हुए एआई अनुसंधान और विकास (R&D) दिशानिर्देशों को रेखांकित करती है।
- EAC-PM द्वारा एआई नियमन पर पत्र : इस पत्र में एक नए एआई नियमन ढांचे का प्रस्ताव दिया गया है जो एक जटिल अनुकूलन प्रणाली (Complex Adaptive System) पर आधारित है, जिसमें पांच प्रमुख सिद्धांत शामिल हैं:
- विशेषज्ञ नियामक: एक विशेषज्ञ नियामक निकाय की स्थापना जो व्यापक अधिकार क्षेत्र और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता रखता हो।
- पारदर्शिता: कोर एल्गोरिदम का सार्वजनिक लाइसेंसिंग सुनिश्चित करना ताकि बाहरी ऑडिट और निरंतर निगरानी की जा सके।
- एआई जिम्मेदारी: मानकीकृत घटना रिपोर्टिंग प्रोटोकॉल की अनिवार्यता और स्पष्ट जिम्मेदारी रेखाओं का निर्धारण।
- मैन्युअल ओवरराइड्स और प्राधिकरण चोकपॉइंट्स: एआई प्रणाली संचालन में मानवीय हस्तक्षेप को सक्षम बनाना।
- गार्डरेल्स और भागीदार: अवांछनीय एआई व्यवहार को सीमित करने के लिए सीमा शर्तों को लागू करना।
- MEITY द्वारा जनरेटिव कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के नियमन पर सलाह: MEITY ने हाल ही में कुछ बड़े प्लेटफार्मों को जनरेटिव एआई के नियमन के लिए एक सलाह जारी की थी। MEITY ने यह शर्त रखी कि उन्हें भारत में संचालित होने के लिए सरकारी अनुमति प्राप्त करनी होगी, परीक्षण चरणों के दौरान अस्वीकरण और खुलासे करना होंगे, और यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके संसाधन एआई के माध्यम से पूर्वाग्रह, भेदभाव या चुनावी अखंडता के लिए खतरे उत्पन्न न करें।
इस प्रकार, भारत का दृष्टिकोण एआई नवाचार को बढ़ावा देने के साथ-साथ नैतिक उपयोग और व्यक्तिगत अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक संतुलित रास्ता अपनाता है।
GPAI शिखर सम्मेलन 2023
भारत ने ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (GPAI) के अध्यक्ष के रूप में 12-14 दिसंबर, 2023 को भारत मंडपम, नई दिल्ली में GPAI शिखर सम्मेलन की मेजबानी की।
मुख्य परिणाम
- GPAI नई दिल्ली घोषणा को अपनाया गया, जिसमें सुरक्षित और भरोसेमंद AI और GPAI परियोजनाओं की स्थिरता पर जोर दिया गया।
- प्रधानमंत्री ने नैतिक AI उपयोग के लिए एक वैश्विक ढांचा
- विकसित करने का आह्वान किया।
- डिजिटल सार्वजनिक वस्तुओं को साझा करने के लिए ग्लोबल डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर रिपॉजिटरी (GDPIR) स्थापित करने और बनाए रखने के भारत के प्रस्ताव को समर्थन दिया गया।
- भारत को AI प्रतिभा और नवाचार में एक प्रमुख खिलाड़ी और AI विकास के वैश्विक केंद्र के रूप में रेखांकित किया गया।
- AIRAWAT (AI रिसर्च एनालिटिक्स एंड नॉलेज डिसेमिनेशन प्लेटफॉर्म) और राष्ट्रीय कृत्रिम बुद्धिमत्ता कार्यक्रम पर जोर दिया गया।
- YUVAi पहल शुरू की गई, जो स्कूल के छात्रों (8वीं से 12वीं कक्षा) को AI का प्रशिक्षण देकर उन्हें सामाजिक मुद्दों को हल करने और समावेशी विकास में योगदान देने के लिए सशक्त बनाएगी।
प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन के मुख्य बिंदु:
सरकार का दृष्टिकोण: AI के लिए रणनीति
- ‘AI for All’ के सिद्धांत द्वारा प्रेरित, जिसका उद्देश्य सामाजिक विकास और समावेशी प्रगति सुनिश्चित करना है।
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर एक राष्ट्रीय कार्यक्रम और आगामी AI मिशन शुरू करने की घोषणा, जिसका उद्देश्य AI कंप्यूटिंग क्षमताओं को बढ़ाना और स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करना है।
- टियर 2 और टियर 3 शहरों में AI संबंधित कौशल को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण संस्थानों का विस्तार।
नैतिक और जिम्मेदार AI
- मानव-केंद्रित AI शासन को नैतिकता, पारदर्शिता, और जवाबदेही पर केंद्रित बनाने पर जोर।
- AI के नैतिक उपयोग के लिए वैश्विक ढांचे का प्रस्ताव, जो G20 नई दिल्ली घोषणा में बताए गए AI सिद्धांतों के अनुरूप है।
- AI के लिए नियामक सुझाव:
- सॉफ़्टवेयर वॉटरमार्किंग: AI-जनित सामग्री की पहचान के लिए लेबलिंग।
- ऑडिट प्रणाली: क्षमताओं के आधार पर AI टूल्स को लाल, पीला, और हरा श्रेणियों में वर्गीकृत करना।
रोजगार और शिक्षा में AI की भूमिका
- AI शिक्षा के लिए मानकीकृत पाठ्यक्रम और रोजगार से जुड़े स्थायी उपाय।
- कार्यबल को तैयार करने के लिए अपस्किलिंग और रिस्किलिंग को AI विकास के साथ शामिल करना।
ए.आई. विकास में समावेशिता और लोकतांत्रिक मूल्यों का महत्व
- एआई को प्रौद्योगिकी तक असमान पहुंच से बचते हुए समानता और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देना चाहिए।
- स्थानीय भाषाओं को समर्थन देकर और विलुप्त हो चुकी भाषाओं को पुनर्जीवित करके डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देने में ए.आई. का उपयोग।
- AI का उपयोग वैदिक गणित और संस्कृत साहित्य जैसे क्षेत्रों में ज्ञान को बढ़ाने के लिए करना।
AI: एक दोधारी तलवार
- AI परिवर्तनकारी है लेकिन संभावित रूप से विनाशकारी भी हो सकता है (जैसे, डीपफेक और साइबर सुरक्षा खतरों के माध्यम से)।
- दुष्ट तत्वों द्वारा इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए उपायों की आवश्यकता।
भारत का AI के लिए दृष्टिकोण
- ए.आई. को एक ऐसे उपकरण के रूप में देखा जाता है जो परिवर्तनकारी और स्थिर भविष्य के निर्माण में मदद कर सकता है।
- यह सुनिश्चित करने के लिए सहयोग कि एआई का विकास मानवीय और लोकतांत्रिक मूल्यों का पालन करता है।
- ए.आई. में विश्वास बढ़ाने के लिए इसके नैतिक, आर्थिक, और सामाजिक प्रभावों को संबोधित करना आवश्यक है।
संयुक्त राष्ट्र ए.आई. सलाहकार निकाय की अंतिम रिपोर्ट: वैश्विक ए.आई. शासन के लिए सात प्रमुख सिफारिशें
- ए.आई. पर एक वैज्ञानिक पैनल स्थापित किया जाए जो ए.आई. के बारे में विश्वसनीय और वैज्ञानिक ज्ञान प्रदान करेगा। यह एआई डेवलपर्स और वैश्विक समुदाय के बीच सूचना विषमता को संबोधित करेगा।
- एआई गवर्नेंस पर नीति संवाद
- एआई सिस्टम के लिए वैश्विक मानकों को बढ़ावा देने, स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एआई मानक एक्सचेंज प्लेटफॉर्म स्थापित करें।
- वैश्विक ए.आई. क्षमता विकास नेटवर्क
- वैश्विक ए.आई. कोष
- नैतिक उपयोग सुनिश्चित करने के लिए एआई सिस्टम में डेटा पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए वैश्विक एआई डेटा फ्रेमवर्क।
- ए.आई. कार्यालय इन सिफारिशों के कार्यान्वयन में समर्थन और समन्वय करने के लिए स्थापित किया जाएगा।
यूरोपियन काउंसिल का कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मानव अधिकार, लोकतंत्र और कानून के शासन पर फ्रेमवर्क कन्वेंशन
- यह एक कानूनी रूप से बाध्यकारी ढांचा स्थापित करता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ए.आई. प्रणालियाँ मानवाधिकारों के अनुरूप हों, लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान करें, और कानून के शासन की सीमाओं के भीतर कार्य करें।
संधि द्वारा देशों से की गई प्रतिबद्धताएँ
- मानवाधिकारों की रक्षा : सदस्य देशों को यह सुनिश्चित करना होगा कि ए.आई. प्रणालियाँ गोपनीयता, समानता और अन्य मानवाधिकारों का सम्मान करें।
- लोकतांत्रिक संस्थाओं की सुरक्षा: ए.आई. लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं या स्वतंत्र भाषण को कमजोर नहीं कर सकता।
- ए.आई. परिणामों के लिए उत्तरदायित्व : हस्ताक्षरकर्ता देशों को यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा कि एआई प्रणालियाँ नुकसानदायक या भेदभावपूर्ण परिणाम उत्पन्न न करें, चाहे वे सार्वजनिक या निजी क्षेत्रों में विकसित की गई हों।
- भौगोलिक और क्षेत्रीय अनुप्रयोग : यह संधि ए.आई. प्रणालियों पर वैश्विक स्तर पर लागू होती है, केवल राष्ट्रीय सुरक्षा और शोध के लिए अपवाद हैं।
संधि का महत्व
- पहला वैश्विक ए.आई. समझौता
- वैश्विक भागीदारी
- वैश्विक एआई शासन के लिए एक उदाहरण
चुनौतियाँ और चिंताएँ
- प्रवर्तन तंत्र की कमी
- सीमित दायरा