जनजातीय कल्याण प्रकोष्ठ (टीडब्ल्यूसी) की स्थापना 2011 में जनजातीय मामलों के मंत्रालय, भारत सरकार की सिफारिश के बाद की गई थी। राजभवन, जयपुर।
भूमिका
जनजातीय कल्याण प्रकोष्ठ (टीडब्ल्यूसी) सहायता कर रहा है राज्यपाल अनुसूचित क्षेत्रों में शांति और सुशासन सुनिश्चित करने के लिए भारत के संविधान की पांचवीं अनुसूची के साथ अनुच्छेद 244(1) के तहत अपने कर्तव्यों/दायित्वों का निर्वहन करेंगे।
संगठन
राजभवन में जनजातीय कल्याण प्रकोष्ठ का नेतृत्व निदेशक (जनजातीय कल्याण) एवं राज्यपाल के विशेष सचिव करते हैं तथा उन्हें उप सचिव, संयुक्त निदेशक, ए.एल.आर. एवं अधीनस्थ कर्मचारी सहायता प्रदान करते हैं।
आदिवासी कल्याण प्रकोष्ठ के कार्य
जनजातीय उप-योजना बजट विश्लेषण
- वार्षिक राज्य योजना से आवंटित जनजातीय उप-योजना (टीएसपी) बजट के विरुद्ध किए गए व्यय का विश्लेषण किया जाता है। यह सुनिश्चित करना कि अधिकतम लाभ लक्षित जनजातीय लाभार्थियों तक पहुंचे।
वार्षिक रिपोर्ट
- जैसा कि पांचवें अनुच्छेद के पैरा 3 के अंतर्गत अपेक्षित है भारतीय संविधान की अनुसूची के अनुसार वार्षिक रिपोर्ट जनजातीय क्षेत्र विकास विभाग द्वारा प्रस्तुत और भारत के राष्ट्रपति को प्रस्तुत करने के लिए राज्यपाल द्वारा अनुमोदित।
याचिकाएं/रिपोर्ट
- लोगों/संगठनों से प्राप्त मुद्दे/अभ्यावेदन अनुसूचित जनजाति समुदायों के लिए उचित कार्रवाई हेतु संबंधित विभागों को अग्रेषित किया जाता है और प्राप्त प्रतिक्रियाओं से राज्यपाल को अवगत कराया जाता है।
राज्य सरकार के साथ समन्वय
- बैठकों के दौरान राज्यपाल द्वारा दिए गए निर्देशों का अनुपालन जनजातीय कल्याण विभाग, जनजातीय क्षेत्रीय विकास विभाग तथा अन्य संबंधित विभागों के साथ विचार-विमर्श हेतु प्रस्ताव राज्यपाल के अवलोकनार्थ तथा उचित निर्देशों हेतु रखे गए हैं।